कोलार और कोहेफिजा में जमीन थर्राई, भूकंप की दहशत | BHOPAL NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। कोलार के कान्हाकुंज, गुड शेफर्ड, हरे कृष्णा होम्स, महाबली नगर, सागर कॉम्प्लेक्स के बाद गुरुवार तड़के 4ः21 से 4ः45 बजे के बीच कोहेफिजा स्थित वीआईपी आपार्टमेंट में दो धमाके हुए। भूकंप समझकर लोग डर के मारे लोग घरों से बाहर निकल आए। 

हालांकि भू वैज्ञानिकों का कहना है कि भारी बारिश से जमीन की दरारों में पानी भरने से जलस्तर बढ़ता है और खाली जगह की हवा जब पानी से टकराती है तो धमाकों जैसी आवाज आती है। लोग दहशत में न आएं। यदि भूकंप होता तो दीवारों में दरार आती। जमीन धंस जाती। ऐसा कुछ नहीं हुआ है। यदि स्थिति बनी तो जमीनी अध्ययन किया जाएगा।

वीआईपी अपार्टमेंट में रहने वाले अकबर खान ने बताया कि धमाकों की आवाज आई और जमीन में कंपन हुआ था। मेरे कमरे का पंखा बंद था, लेकिन कंपन के कारण पंखा हल्का चलने लगा। ऐसा लगा कि अपार्टमेंट कहीं गिर न जाए। इसके बाद हम घबराकर बाहर निकले।

भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के निदेशक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जनवरी से जून तक जमीन सूखी रही। गर्मी के कारण जमीन में दरारें आ गईं। ऐसे में जब भारी बारिश हुई तो दरारों के जरिए अंदर पानी गया। ऐसे में उसमें भरी हवा जब पानी से टकराती है तो धमाके जैसी आवाज आती है। लोग दहशत में न आए। बारिश के कारण अभी कुछ दिनों तक ऐसे धमाके होते रहेंगे। इनसे घबराने की की कतई जरूरत नहीं है।

चार से पांच साल में एक बार ऐसी स्थिति बनने की होती है संभावना

वहीं कोलार के कान्हाकुंज में इस तरह के हुए धमकों की जांच रिपोर्ट कलेक्टर व खनिज अधिकारी को सौंप दी गई है। जांच के दौरान यहां न तो किसी दीवार में दरार दिखी न ही जमीन धंसी। यदि ऐसा होता फिजिकल अध्ययन कराया जाता। सामने आया कि जमीन में भारी मात्रा में पानी जाने के कारण ही धमाके हो रहे हैं। ऐसा जरूरी नहीं कि हर साल बारिश में ऐसे धमाके हों। ऐसी स्थिति चार से पांच साल में एक बार बनती है या नहीं भी बनती।

कलेक्टर से की धमाकों की शिकायत

कोलार सागर कॉम्प्लेक्स में बुधवार रात 12 बजे हुए धमाकों व जमीन में कंपन की घटना को लेकर गुरुवार सुबह कांग्रेस नेता नरेश ज्ञानचंदानी लोगों से मिले। उन्होंने कलेक्टर तरुण पिथोड़े से धमाकों का सही कारण पता लगाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि भू-गर्भीय विशेषज्ञों को बुलाकर गहराई से सर्वे कराने की मांग की। संजीव दुबे सहित कई स्थानीय नेताओं ने भी जिला प्रशासन के अधिकारियों से शिकायत की।
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