भोपाल नाव हादसा: मुख्य सचिव के बयान से मंत्री पीसी शर्मा नाराज | BHOPAL NEWS

भोपाल। भोपाल नाव हादसा मामले में बड़े अधिकारियों को क्लीन चिट दिए जाने वाले मुख्य सचिव एसआर मोहंती के बयान को लेकर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने नाराज़गी जाहिर की है। मंत्री पीसी शर्मा के मुताबिक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि छोटा हो या बड़ा हादसे में जिम्मेदार किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा और मुख्य सचिव मुख्यमंत्री से बड़े नहीं हैं।

जब मैं रात 2 बजे जा सकता हूं तो अधिकारी क्यों नहीं

इतना ही नहीं पीसी शर्मा हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के रवैये को लेकर भी खासे नाराज़ नज़र आए। पीसी शर्मा ने कहा कि जब वो रात के 2 बजे दौरा कर सकते हैं तो अधिकारी क्यों नहीं कर सकते। इससे पहले मुख्य सचिव एस आर मोहंती से जब भोपाल नाव हादसे में बड़े अधिकारियों की जिम्मेदारी को लेकर सवाल किए गए तो उनका कहना था कि, 'बड़े अधिकारियों का दोष क्या है? धारा 144 लगी है, जो न करने के लिए कहा जाए वो अगर करते हैं तो.. मैं इतना जानता हूं कि सुबह साढ़े 4 बजे की घटना है और कलेक्टर सुबह 5 बजे घटनास्थल पहुंच गए थे। उन्होंने मुझे फोन करके जानकारी दी थी। हम कोशिश करेंगे कि आने वाले वक्त में ऐसा न हो।'

इसलिए उठ रहे हैं सवाल..

कमलनाथ सरकार ने हादसे में मृतकों के परिजनों को 11-11 लाख रुपए मुआवजे के ऐलान के साथ ही हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए हैं। मजिस्ट्रियल जांच एडीएम सतीश सक्सेना को सौंपी गई है। जांच शुरु होने से पहले ही मुख्य सचिव ने अपने बयान में बड़े अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी। अब सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या इस बयान के बाद बड़े अधिकारियों के मामले में निष्पक्ष जांच हो पाएगी ?

भोपाल नाव हादसा: टाइम लाइन

रात 11 बजे- पिपलानी इलाके से गणेश विसर्जन के लिए झांकी बड़े धूमधाम से खटलापुरा घाट के लिए रवाना हुई।
सुबह 4 बजे- विसर्जन का नंबर आने पर गणेश जी की प्रतिमा को क्रेन पर लटकाया गया।
सुबह 4:30 बजे- दो नावों को जोड़कर बनाई गई एक नाव पर गणेश प्रतिमा को रखा गया। तालाब में प्रतिमा को जैसे ही विसर्जित किया गया, वैसे ही नाव में एक तरफ से पानी भरने लगा और नाव पलट गई। कुछ युवक पानी में गिर गए। उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए नाव को पकड़ लिया और उसके बाद पूरी नाव ही पलट गई और उसमें सवार सभी लोग तालाब में गिर पड़े।
सुबह 5 बजे- नगर निगम, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ के अधिकारी कर्मचारी मौके पर आना शुरू हुए।

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