भोपाल। कांग्रेस की गुटबाजी पर ढोल पीट रही भाजपा की गुटबाजियां नजर आने का वक्त आने वाला है। हालांकि भाजपा के दिग्गज नेता संगठन चुनाव टालने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। सदस्यता अभियान के नाम पर चुनाव की प्रक्रिया को रोक कर रखा गया।
अभी तक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त नहीं हुए
पार्टी के बूथ अध्यक्ष के चुनाव सितंबर, मंडल के चुनाव अक्टूबर, जिले के चुनाव नवंबर और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव दिसंबर में होना थे लेकिन, सदस्यता अभियान के नाम पर देरी की गई। अब तक निर्वाचन अधिकारी भी नहीं बनाए गए हैं। जब इनका चयन हो जाएगा उसके बाद आगे की प्रक्रिय शुरू होगी।
2 कार्यकाल कर चुके अध्यक्ष हटाए जाएंगे
प्रदेश भाजपा में संगठन के विभिन्न स्तरों पर होने वाले चुनाव में तय कार्यक्रम के मुताबिक देर हो सकती है। इसकी मुख्य वजह है कि सदस्यता अभियान के कारण चुनाव से जुड़े काम धीमी गति से हुए हैं। इधर, संगठन ने यह तय किया है कि दो बार के जिला अध्यक्ष को हटाया जाएगा और जो एक बार जिला अध्यक्ष रहा है उसे वरिष्ठ पदाधिकारियों की सहमति के बाद ही एक और मौका दिया जा सकता है।
निर्वाचन की आधार व्यवस्था में सितम्बर बिताएंगे
जिला निर्वाचन अधिकारियों के नाम तय करने के लिए प्रदेश भाजपा कार्यालय में 3 सितंबर को बैठक होगी। बैठक में प्रदेश भर से करीब 70 वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे। जब जिला निर्वाचन अधिकारी तय हो जाएंगे तब वे मंडल निर्वाचन अधिकारी बनाएंगे। इसके बाद चुनाव की तारीख तय की जाएगी। चुनाव के बाद जिलाें में पार्टी की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम तय किए जाएंगे। जिला अध्यक्षों को इसकी रिपोर्ट भी देना होगी कि उन्होंने पार्टी के लिए क्या किया है।