विधायक शरद कोल और कमलनाथ की डील रद्द, कांग्रेस का 1 कम हुआ | MP NEWS

भोपाल। विधानसभा के मानसून सत्र में सीएम कमलनाथ भाजपा के विधायक दल से 2 विधायकों (नारायण त्रिपाठी और शरद कोल) को तोड़कर लाए थे, इनमें से एक वापस चले गए हैं। दोनों के बीच जो भी डील हुई थी, शायद वो रद्द हो गई। कमलनाथ वचन नहीं निभा पाए। कांग्रेस का एक विधायक फिर कम हो गया, हालांकि भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी अभी भी कमलनाथ के साथ नजर आ रहे हैं। 

विधानसभा चुनाव के बाद हॉर्स ट्रेडिंग की पूरी उम्मीद थी परंतु कमलनाथ ने अपनी स्टाइल का कारोबार किया और सरकार बना ली। मानसून सत्र में एक विधेयक पर सरकार ने बिना वजह मत विभाजन कराया और शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक शरद कोल ने सरकार के समर्थन में वोट किया। इस तरह उन्होंने ऐलान कर दिया कि शरद कोल ने दल बदल लिया है। शरद कोल सीएम कमलनाथ के साथ नजर भी आए और दोनों ने भरत मिलाप जैसे बयान भी दिए। 

अब शीतकालीन सत्र से पहले शरद कोल ने नया बयान दिया है। उन्होंने कहा मॉब लिंचिंग प्रस्ताव के समर्थन में उन्होंने सरकार के पक्ष में वोट किया था जिसका समर्थन उनकी पार्टी भी कर रही थी। शरद कोल ने कहा कि वे बीजेपी के विधायक हैं और रहेंगे। 

कौन है शरद कोल

शरद कोल ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर शहडोल जिले की ब्यौहारी सीट से जीत दर्ज की थी। विधानसभा चुनाव के दौरान ब्यौहारी सीट से कांग्रेस से टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। तब वह युवा कांग्रेस के नेता थे। इसलिए विधानसभा चुनाव से ठीक 10 दिन पहले वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और ब्यौहारी सीट से बीजेपी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया। वह चुनाव जीतकर विधायक बन गए।

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