व्यापारी या तो मिलावट छोड़ दें या मध्य प्रदेश: तुलसी सिलावट | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्य प्रदेश के कमलनाथ सरकार के मंत्री तुलसी सिलावट ने फिल्मी डॉयलॉग दिया है। कहा है कि दूध, फल, साग-सब्जी एवं अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले मिलावटखोरों को बख्शा नहीं जाएगा। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि, "खाने-पीने की चीजों में मिलावट करने वाले लोग या तो मध्य प्रदेश छोड़ दें या जेल की सलाखों के पीछे जाने को तैयार रहें। 

मिलावट रोकने के लिए हमने राज्य सरकार के संबंधित कानूनों में संशोधन करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है जिसके तहत प्रावधानों को सख्त बनाया जाएगा।" सिलावट ने कहा कि इस मिलावट से लोगों को कैंसर, किडनी, ब्लडप्रेशर एवं मधुमेह की बीमारियां हो रही हैं।

रासुका लगाकर दो आरोपियों को भेजा जा चुका है जेल

मध्य प्रदेश सरकार ने कथित रूप से मिलावटी दूध बेचने वाले ग्वालियर जिले के कारोबारी उम्मेद सिंह रावत (38) पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की है। उसे शनिवार सुबह गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। दूध उत्पादों में मिलावट के आरोप में मध्य प्रदेश में तीन दिन में यह दूसरा कारोबारी है, जिसके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई है। इससे पहले एक अगस्त को उज्जैन जिले के श्री कृष्ण उद्योग और बेकरी के मालिक डॉक्टर कीर्ति केलकर (41) को रासुका के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। ग्वालियर के जिलाधिकारी अनुराग चौधरी ने बताया कि ग्वालियर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित मोहना के दूध कारोबारी उम्मेद सिंह रावत को मिलावटी दूध बेचने के मामले में रासुका के तहत गिरफ्तार कर शुक्रवार सुबह जेल भेज दिया गया।

मिला था कास्टिक सोडा से बना मिलावटी दूध

डीएम ने बताया कि पिछले महीने 24 और 25 जुलाई को उम्मेद सिंह की दुकान पर छापा मारा गया था और वहां से बहुत बड़ी मात्रा में मिलावटी दूध बरामद किया गया था। उसकी दुकान से कई प्रकार के घातक केमिकल भी मिले थे, जिनसे मिलावटी दूध बनाया जा रहा था। चौधरी ने बताया कि करीब दो दिन पहले भी उम्मेद सिंह की दुकान पर कास्टिक सोडा से बना मिलावटी दूध मिला था, लेकिन तब उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई थी।

1608 सैंपल में से केवल 31 पाए गए मानक के अनुरूप 

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार मिलावटखोरों के खिलाफ 19 जुलाई से समूचे प्रदेश में अभियान चला रही है. नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन रविन्द्र सिंह ने बताया कि इस अभियान में दो अगस्त तक विभिन्न खाद्य पदार्थों के 1608 नमूने लिये गए हैं। राज्य खाद्य प्रयोगशाला द्वारा नमूनों का विश्लेषण किया जा रहा है। प्रयोगशाला द्वारा दो अगस्त को जारी की गई 43 नमूनों की जांच रिपोर्ट में से छह नमूने नकली ब्रांड के, 6 नमूने अवमानक और 31 नमूने मानक के अनुरूप पाए गए।

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