आई हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त, जमीन पर जिला अस्पताल शुरू का आदेश | INDORE NEWS

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इंदौर। आई हॉस्पिटल (Eye Hospital Indore) में मरीजों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव को अस्पताल प्रबंधन और जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर करवाने के आदेश दिए हैं। साथ ही अस्पताल को मिली 75 हजार वर्गफीट सरकारी जमीन को कब्जे में लेकर वहां अस्थायी रूप से जिला अस्पताल शुरू करने को कहा है।

त्रिपाठी ने मंगलवार को जारी आदेश में लिखा कि संस्था का जमीन पर विधिवत कब्जा नहीं था, इसलिए इस भूमि के उपयोग पर 1971 से अभी तक का लीज रेंट भी वसूला जाए। वर्ष 2010-11 के बाद दूसरी बार अस्पताल ने लापरवाही बरती है, इसलिए इसका लाइसेंस भी स्थायी रूप से निरस्त कर दिया जाए। बताते हैं कि प्रशासन ने प्राथमिक तौर पर अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुधीर महाशब्दे और डॉ. सुहास बांडे पर एफआईआर करने की तैयारी की है। 

साल 2010-11 में तत्कालीन सीएमएचओ (डॉ. शरद पंडित) ने अधिकारों का दुरुपयोग कर संस्था का लाइसेंस गलत तरीके से बहाल किया। यदि उस समय एफआईआर कराई जाती और लाइसेंस निरस्त करते तो यह घटना नहीं होती, इसलिए तब लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव संभागायुक्त कार्यालय भेजें। 

जिला अंधत्व निवारण अधिकारी डॉ. टीएस होरा के खिलाफ आरोप पत्र तैयार करें। ऑपरेशन थिएटर के सर्जिकल आयटम, फ्लूड्स आदि संक्रमित पाए गए, इनके सप्लायर्स, मैन्यूफैक्चरर्स कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करें। 

शासन ने फिर बनाई जांच कमेटी, तीन दिन में मांगी रिपोर्ट : इधर, राज्य सरकार ने भी मरीजों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में दोबारा तीन सदस्यीय जांच समिति बना दी है। इसमें उज्जैन के तीन डॉक्टर शामिल हैं। समिति 30 अगस्त तक सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। 

2011 में भी हुई थी एफआईआर की अनुशंसा : साल 2011 में भी 18 मरीजों की रोशनी जाने पर तत्कालीन स्वास्थ्य आयुक्त ने जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर की अनुंशसा की थी, जो नहीं हुई। अगस्त 2019 में हुई घटना पर अपर कलेक्टर कैलाश वानखेडे की कमेटी ने अपराध को दोहराना पाया, कलेक्टर ने भी इस संबंध में शासन को पत्र लिखकर अपराध फिर से दोहराने की बात कही थी। 

जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। दूसरी बार अपराध हुआ है, सख्ती जरूरी है। वहीं भविष्य के लिए जरूरी है कि ऑपरेशन कैंप के लिए प्रोटोकॉल हो और उसका पालन कराया जाए।
-आकाश त्रिपाठी, कमिश्नर

संभागायुक्त का पत्र मिल गया है, एक-दो दिन में जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर होगी। साथ ही लीज रेंट भी वसूला जाएगा। - लोकेश कुमार जाटव, कलेक्टर
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