CM KAMAL NATH के संदेश के प्रमुख अंश एवं घोषणाएं

राज्य सरकार का गठन 25 दिसम्बर को हुआ। उसके बाद लोकसभा चुनाव और उसकी आचार संहिता के बाद केवल पांच महीने का ही समय काम करने के लिए मिला। पिछली सरकार से खाली खजाना मिला था। उसके बावजूद जनता को दिए गए वचन-पत्र में सभी वादों को पांच साल में पूरा करने के लिए संकल्पित हैं। मध्यप्रदेश की गणना अभी भी देश में पिछड़े राज्यों में ही होती है।

मुख्यमंत्री जय किसान ऋण माफी योजना के प्रथम चरण में 20 लाख 10 हजार किसानों के 50 हजार रुपये तक के चालू ऋण और 2 लाख रुपये तक के डिफाल्टर ऋण माफ़ किये गये है। ऋण माफी के दौरान प्रथम चरण में छानबीन के दौरान एक आश्चर्यजनक तथ्य प्रकाश में आया कि बड़ी संख्या में किसानों ने एक ही जमीन पर कई बैंकों से ऋण ले रखा था। इस कारण गहरी छानबीन करनी पड़ी।

सहकारी बैंकों ने छानबीन पूरी कर ली है जबकि अन्य बैंकों की छानबीन जारी है। योजना के अगले चरण में दो लाख रुपये तक के सहकारी बैंकों के चालू ऋण माफ़ करने की कार्यवाही प्रारम्भ करने जा रहे हैं। अन्य बैंकों की छानबीन पूरी होने पर उनकी भी ऋण माफी की कार्यवाही आगे की जाएगी।

रबी 2018-19 में उत्पादित गेहूँ विक्रय पर 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। जिन किसानों ने घोषित अवधि में मंडियों में अथवा उपार्जन में अपना गेहूं बेचा है, उनके खातों में शीघ्र यह राशि जमा कराई जाएगी।

सहकारी बैंकों में पूंजी की तरलता बढ़ाने के लिये तीन हजार करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है। इसमें से एक हजार करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं।

निराश्रित गौ-वंश की देख-रेख के लिए सरकार ने प्रदेश में पहली बार एक हजार गौ-शालाओं के निर्माण का कार्य अपने हाथ में लिया है।

लघु उद्योगों सहित गैर कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 10 घंटे बिजली दी जा रही है। इस वर्ष 5 जनवरी को रिकार्ड 14 हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई। पिछले छह माह में विगत वर्ष की इसी अवधि से लगभग 14 प्रतिशत अधिक बिजली प्रदाय हुआ।

बिजली के क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनने के लिए सतपुड़ा एवं अमरकंटक में 550 मेगावाट की एक-एक इकाई स्थापित की जायेगी। निजी क्षेत्र में भी 2 हजार 640 मेगावाट की उत्पादन इकाइयों की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं।

किसानों को आधी दरों पर और गरीबों को 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली देने का वचन दिया था। दोनों वचन पूरे किये हैं।

किसानों के लिए नई योजना "इंदिरा किसान ज्योति योजना" बनाई है। इसके अंतर्गत 10 हार्स पावर तक के स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को 1400 की जगह 700 रुपये प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष के फ़्लैट रेट से बिजली दी जा रही है। इसका लाभ 18 लाख किसानों को मिल रहा है।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए इंदिरा गृह ज्योति योजना सरकार ने बनाई है। इसके तहत 62 लाख परिवारों को 100 यूनिट तक बिजली 100 रुपये में दी जा रही है।

आगामी 5 वर्षों में प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य है। खाली ख़जाना मिलने के बावजूद सिंचाई योजनाओं को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

मध्यप्रदेश को आवंटित नर्मदा जल का पूरा उपयोग आगामी 5 वर्षों में सुनिश्चित किया जायेगा। गुजरात के साथ नर्मदा जल के बंटवारे में प्रदेश के हितों का पूरा ध्यान रखेंगे।

प्रदेश के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए भोपाल में निर्माणाधीन ग्लोबल स्किल पार्क में सालाना 4 हजार 800 युवाओं को एडवांस प्रशिक्षण दिया जायेगा।

संभागीय मुख्यालयों के आई.टी.आई. को मेगा आई.टी.आई. बनाया जा जा रहा है।

प्रदेश के अधिकांश बड़े शहरों में कौशल विकास के लिए नए केन्द्र खोले जा रहे हैं। इन केंद्रों पर दिए जाने वाले प्रशिक्षण की क्वालिटी पर नजर रखी जा रही है।

शहरी बेरोजगारों के रोजगार और कौशल विकास के लिये मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना शुरू की गई है।

प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों को 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के लोगों को ही देना पड़ेगा। इसके लिए सरकार कानून बनाने जा रही है।

प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिये 18 से 20 अक्टूबर तक इंदौर में "मेग्नीफिशेंट (Magnificent) मध्यप्रदेश" कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

प्रदेश के सफल उद्योगपतियों को ब्राण्ड एम्बेसेडर बनाया जा रहा है।

उद्योग सलाहकार परिषद का भी गठन किया जा रहा है।

सरकार के प्रयासों के परिणाम मिलना शुरु हो गये हैं। सात माह के सीमित समय में प्रदेश में 6 हजार 158 करोड़ रुपये का स्थाई पूँजी निवेश हुआ है। इसी अवधि में 15 हजार 208 करोड़ रुपये के पूँजी निवेश वाली 7 मेगा औद्योगिक इकाइयों के प्रस्ताव मिले हैं।

सरकार का लक्ष्य हर जिले में कम से कम एक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हो। उज्जैन, डिण्डौरी, अलीराजपुर एवं बैतूल जिलों में नये औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे हैं।

पावरलूम सेक्टर को बढ़ावा देने के लिये विशेष पैकेज लाया जा रहा है।

बागवानी के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना लाई जा रही है।

गरीब परिवारों के लिए एक रुपए किलो अनाज और नमक की व्यवस्था के लिए 18 जिलों में आधार कार्ड आधारित राशन वितरण व्यवस्था लागू की गई है। अब इन जिलों में हितग्राही किसी भी राशन दुकान से आधार कार्ड के जरिये राशन प्राप्त कर रहे हैं। आगामी समय में यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू की जायेगी।

प्रदेश में असंगठित मजदूरों की मदद के लिए एक नई योजना "नया सवेरा” प्रारंभ की गई है। इस योजना में 6 माह में 63 हजार से ज्यादा हितग्राहियों को लगभग 6 सौ करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई।

इस वर्ष दो हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन का कार्य विभिन्न चरणों में किया जायेगा।

पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत किया जाएगा और उनके अधिकारों में वृद्धि की जाएगी।

जल संरक्षण और पर्याप्त जल उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश में पहली बार जल अधिकार कानून।

36 जिलों की 38 नदियाँ चिन्हित। इनके पुनर्जीवन का कार्य आने वाले पांच सालों में किया जाएगा।

"हमारा गाँव- हमारा पानी" सरकार का अभियान है।

शहरों में पीने के पानी, स्वच्छता, सीवरेज और कचरा प्रबंधन के साथ लोक परिवहन की सुगम व्यवस्था।

भोपाल और इन्दौर दोनों शहरों में सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के लिए मेट्रो रेल का काम शुरू।

भोपाल और इंदौर के साथ ग्वालियर में मेट्रो-पॉलिटन रीजन की स्थापना का निर्णय।

भोपाल और इंदौर शहरों पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए महत्वाकांक्षी एकीकृत प्रोजेक्ट इंदौर-भोपाल एक्सप्रेस-वे बनेगा। परियोजना में एक्सप्रेस-वे के साथ नये छोटे शहर और औद्योगिक क्लस्टर होंगे।

परियोजना को पूरा करने के लिए इंदौर-भोपाल एक्सप्रेस-वे डेवलपमेंट अथॉरिटी बनेगी।

आवास योजनाओं में पात्र भूमिहीन आवेदकों को राज्य सरकार आवास के साथ अपनी तरफ से भूमि के पट्टे भी देगी। इसके लिए मुख्यमंत्री पट्टा योजना शुरू होगी।

स्कूल शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए इस वर्ष 200 नए हाई स्कूल तथा 200 नए हायर सेकेन्ड्री खोले जाएंगे।

लगभग 150 हाई-स्कूल एवं 600 हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन बनाये जाएंगे।

शिक्षा की क्वालिटी के लिये कमजोर परिणाम वाले स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

छिन्दवाड़ा, सिवनी, बैतूल, बालाघाट जिले के विद्यार्थियों की सुविधा के लिये छिन्दवाड़ा में युनिवर्सिटी स्थापित।

आदिवासी क्षेत्र के 42 शासकीय कॉलेजों में विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय प्रारंभ।

इस वर्ष झाबुआ मॉडल कॉलेज के अलावा खंडवा, बड़वानी, विदिशा, छतरपुर, सिंगरौली, दमोह, गुना तथा राजगढ़ में भी नये मॉडल कॉलेजों की स्थापना होगी।

आयुष्मान योजना का विस्तार कर राज्य सरकार 45 लाख अतिरिक्त परिवारों का इलाज अपने खर्च पर कराएगी।

नागरिकों को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए क़ानून बनेगा।

डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए चिकित्सा शिक्षा सुविधाओं का विस्तार होगा।

मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की लगभग 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाई गई।

सतना जिले में नया मेडिकल कॉलेज शीघ्र खोला जाएगा।

ग्वालियर, जबलपुर और रीवा मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी सेंटर तैयार।

सभी आदिवासी विकासखंडों में आदिवासी भाइयों के ऊपर साहूकारी ऋण 15 अगस्त से समाप्त। ऐसे किसी ऋण की वसूली अब नहीं हो सकेगी। इसे लागू करने के लिए कलेक्टरों को सख्त निर्देश।

आदिवासी भाइयों को जरूरत पर बैंकों से 10 हजार रुपये तक की लिमिट स्वीकृत। यह राशि वे अपने रुपे डेबिट कार्ड से कभी भी एटीएम से निकाल सकेंगे। सभी आदिवासी विकासखण्डों के ग्रामीण हाट- बाजारों में बैंक एटीएम स्थापना परियोजना की प्रक्रिया अंतिम चरण में।

वनाधिकार के खारिज सभी प्रकरणों का पुनरीक्षण होगा। ऑन लाइन (Online) निराकरण की नई व्यवस्था शुरु।

आदिवासी क्षेत्रों के लिए औषधीय खेती योजना शुरु होगी। आदिवासियों को अपने भूमि पट्टों पर औषधीय खेती के लिये सहायता उपलब्ध करायी जायेगी और पूरे उत्पाद के खरीदने की गारंटी होगी।

तेंदूपत्ता के भुगतान की राशि 2 हजार रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर ढाई हजार रुपये प्रति मानक बोरा की गई। अन्य वनोपज के लिए भी नई योजना बनाने के निर्देश।

अनुसूचित वित्त एवं विकास निगम के ऋणी हितग्राहियों के एक लाख रुपये तक के ऋण माफ करने की प्रक्रिया चालू।

पिछड़ा वर्ग आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का फैसला। इसके लिए कानून बनाने की प्रक्रिया शुरु।

पिछड़े वर्ग की बालिकाओं के लिये बेहतर शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये संभागीय शहरों में 500 सीटर कन्या छात्रावास बनाए जाएंगे।

निराश्रितों और दिव्यांगों के लिये पेंशन 300 रुपये से बढ़ाकर पांच साल में एक हजार रुपये करेंगे। प्रथम चरण में वादे के मुताबिक इसे दोगुना 600 रुपये प्रतिमाह किया जाएगा।

कन्या विवाह/निकाह योजना की सहायता राशि 28 हजार रुपये से बढ़ाकर 51 हजार रुपये की गई।

प्रदेश ने देश में टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल किया है।

आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें विकासखण्ड मुख्यालयों अथवा बड़े ग्रामों में शिविर लगाकर मौके पर ग्रामीण आबादी की रोजमर्रा की समस्याओं का निराकरण एवं आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है।

विकास कार्यों को गति देने और जिला स्तर पर अधिकारों के विकेन्द्रीकरण के लिये "जिला सरकार" व्यवस्था फिर से लागू होगी।

लोक सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिये "जन अधिकार" कार्यक्रम शुरु।

नायब तहसीलदारों के रिक्त पदों को भरने का काम किया गया ।

इस साल सभी जिलों के भू-अभिलेख ऑनलाइन उपलब्ध हो जायेंगे।

खसरा खातों की नकल दरें कम कर उनमें एकरूपता लाई गई है।

775 मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम बनाया गया।

अतिथि शिक्षकों/ रोजगार सहायकों/ अन्य संविदा कर्मचारी संगठनों से प्राप्त स्थायीकरण और अन्य समस्याओं पर गम्भीरता से विचार।

मध्यप्रदेश को मिलावटमुक्त प्रदेश बनाया जाएगा। मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। मिलावट खोरों के विरूद्ध रासुका में कार्रवाई की गई।

महिला-बाल अपराधों में न्यायालयों से मई 2019 तक गत वर्ष से 9 प्रतिशत अधिक सजा दिलाई गई। अब तक 27 मामलों में अपराधियों को मृत्युदण्ड की सजा सुनाई गई।

महिला सुरक्षा के लिये पृथक से रानी दुर्गावती महिला बटालियन एवं प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की जाएगी।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वाँ जन्म पर जिला मुख्यालयों में 14 से 19 नवम्बर तक सांस्कृतिक गतिविधियाँ होंगी।

गुरुनानक देव जी का 550वाँ प्रकाश पर्व भी बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।

सरकार और लोगों के बीच की दूरी कम की जाएगी।

सरकार की मंशा है कि लोग बदलाव स्वयं महसूस करें।

सरकार का एजेण्डा ; वचन-पत्र के सभी बिन्दुओं पर हर हाल में अगले पाँच साल में अमल होगा।

प्रदेश के लोग सरकार की शक्ति है। यही शक्ति प्रदेश को गरीबी और बेरोजगारी से मुक्त कर विकसित और ऊर्जावान प्रदेश बनायेगी।

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