BHOPAL NEWS : मुफ्त यात्रा के ताेहफे ने बहनों को किया परेशान

भोपाल। रक्षाबंधन के मौके पर भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) की बसों में बहनों को मुफ्त यात्रा का ताेहफा दिया गया। नगर निगम भोपाल की ओर से यह घोषणा होते ही शहर की माता-बहनें सुबह से ही अपने भाईयों के यहां राखी बांधने निकल गईं। 

दोपहर तक तो सभी महिलाओं को बसें समय पर मिलती रहीं। इस वजह से वे काफी खुश और निगम की पहल से गदगद थीं। लेकिन दोपहर बाद इन बहनों को घंटों तक बस स्टॉप पर बस का इंतजार करना पड़ा। जब बस नहीं मिली तो कुछ महिलाएं घर लौटने के लिए पैदल ही चल पड़ीं। कुछ महिलाएं टैक्सी और ऑटो रिक्शा का मुंह मांगा किराया देकर घर पहुंच पाईं। इनके अलावा कुछ बहनें ऐसी थीं जिन्होंने अपने परिजनों को फोन कर बुलाया और उनके साथ वाहन में बैठकर घर लौटीं। 

महिलाओं ने आप बीती सुनाते हुए कि जब उन्हें बस नहीं मिली तो उन्हें यह भी पता नहीं था कि शिकायत कहां करना है। पता चला है कि बीसीएलएल ने अपनी सभी 200 बसें रक्षाबंधन के दिन शहर में चलाईं। इन बसों में तैनात ड्राइवर-कंडक्टर को आठ घंटे की शिफ्ट में काम करना हाेता है। ऐसी दो शिफ्ट एक दिन में होती है, लेकिन गुरुवार को रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस एक ही दिन था। इसलिए अधिकांश स्टाफ अवकाश पर चला गया था। जो ड्यूटी पर आए भी तो वे दोपहर बाद चले गए। इस वजह से शाम तक समस्या और बढ़ गई। ड्राइवर-कंडक्टर बसें खड़ी कर घर चले गए। उनकी जगह अन्य स्टाफ ड्यूटी पर आया ही नहीं। ऐसी स्थिति में दोपहर बाद बसों की संख्या घट गई। लिहाजा शहर के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एक तरह से महिलाओं को दी गई मुफ्त यात्रा की सौगात उनके लिए महंगी साबित हुई। 

पैदल चली

हम गुरुवार को लो-फ्लोर बस से जेके रोड स्थित भाई के घर गए थे। राखी बांधकर लौटने के लिए दोपहर में हमें बस नहीं मिली। हम जेके रोड से ज्योति टॉकीज तक पैदल आए। वहां भी डेढ़ घंटे तक इंतजार करने के बाद बस नहीं आई तो घर से कार बुलाई, तब जाकर हम अपने घर लौट पाए। - दीपाली, संगीता, शिकायतकर्ता, निवासी कोलार 

ऑटो से वापस लौटी घर 

मैं सुबह बस से अवधपुरी से अयोध्या बायपास क्षेत्र में रहने वाले अपने भाई के घर गई। दोपहर को घर लौटने के लिए बस स्टॉप पहुंची तो एक घंटे इंतजार करने के बाद भी बस नहीं आई। तब मुझे ऑटो से आना पड़ा। - उदिता सोलंकी, शिकायतकर्ता, अवधपुरी 

महिलाओं को बीसीएलएल की बसों में मुफ्त यात्रा का तोहफा (रक्षाबंधन और भुजरिया पर्व) दो दिन के लिए दिया गया। इस दौरान इनसे कोई किराया न वसूल ले, इसकी निगरानी भी बीसीएलएल ने कराई। इस कारण महिलाओं से किराया लेने की एक भी शिकायत नहीं आई। लेकिन बसों के संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण शाम के वक्त महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें टैक्सी और ऑटो चालकों को दोगुना किराया देना पड़ा। हालांकि शुक्रवार यानि भुजरिया के दिन मुफ्त यात्रा शाम तक ठीक-ठाक चली। 

नगर निगम ने दो दिन महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा चलाई थी। पहले दिन थोड़ी दिक्कत हुई होगी, क्योंकि त्यौहार के कारण हमारे कई ड्राइवर-कंडक्टर छुट्‌टी पर थे। स्टाफ से हम अधिकतम 12 घंटे तक ही काम ले सकते हैं। फिर भी हमने अपनी तरफ से प्रयास किया कि किसी को दिक्कत नहीं आए। पूरे दिन निगरानी करवाई, ताकि स्टाफ उनसे किराया न वसूले। - 
संजय सोनी, जनसंपर्क अधिकारी, बीसीएलएल 
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