धार। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम ने BAJAJ ALLIANZ LIFE INSURANCE कंपनी को सेवा में कमी का दोषी पाते हुए उपभोक्ता को क्लेम की रकम के साथ दावा निरस्ती दिनांक से 8 प्रतिशत ब्याज भी अदा करने का आदेश दिया है। इस मामले में यह खुलासा भी हुआ कि नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक का मैनेजर BAJAJ ALLIANZ कंपनी के लिए बतौर ऐजेंट काम करता था और अपने बैंक के ग्राहकों को BAJAJ ALLIANZ से बीमा कराने के लिए प्रेरित करता था।
पं. प्रवीण शर्मा, एडवोकेट ने बताया कि उपभोक्ता सुभान पटेल जो कि नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक शाखा बदनावर में खाताधारक थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में बैंक शाखा प्रबंधक के अनुरोध पर 4,00,000/- रुपए की एक बीमा पालिसी बजाज एलियांज लाइफ इश्योरेंस कपंनी की ली थी। संबंधित बीमा पालिसी की किश्त बैंक द्वारा समय-समय पर सुभान पटेल के खाते से काट ली जाती थी परंतु शाखा प्रबंधक ने त्रुटिवश एक वार्षिक किश्त समय पर निकाली नहीं और ना ही बजाज एलियांज लाइफ इश्योरेंस कपंनी को जमा की।
इसी बीच सुभान पटेल का आकस्मिक निधन हो गया। इनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र शरीफ गोनावद ने पिताजी के क्लेम प्राप्ति के लिए कई बार बैंक और बीमा कपंनी के चक्कर लगाए परंतु बैंक और बीमा कपंनी एक दूसरे को क्लेम निरस्ती के लिए जिम्मेदार बताती रही। शरीफ पटेल ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम मे आवेदन लगाया। प्रकरण की सुनवाई में बजाज एलियांज लाइफ इश्योरेंस कपंनी ने एवं नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक ने भी अपने-अपने जवाब प्रस्तुत कर स्वयं की कोई त्रुटि नहीं होकर अपने आपको निर्दोष बताया।
विवाद प्रतितोषण फोरम के अध्यक्ष पीएस पाटीदार, सदस्यगण डाॅ. दीपेंद्र शर्मा एवं हर्षा रूनवाल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद उपभोक्ता के पक्ष में निर्णय देते हुए बीमा कपंनी को आदेशित किया कि वह उपभोक्ता को दावा निरस्ती दिनांक से 8 प्रतिशत ब्याज प्रदान करें। साथ ही उपभोक्ता की सेवा मे कमी एवं परिवाद व्यय भी पृथक से अदा करें।