प्रशिक्षण के तुगलकी फरमान से शिक्षकों में आक्रोश | MP SHIKSHA VIBHAG NEWS

भोपाल। मप्र में सत्र 2019-20 की शुरुआत होते ही शिक्षकों के तीन से लेकर पांच दिन का प्रशिक्षण का दौर चालू कर दिया इससे शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। मप्र तृतीय वर्ग शास कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि राज्य शिक्षा केंद भोपाल के निर्देश पर प्रदेश में AB व CDE ग्रेड, दक्षता संवर्धन,  नयी व पुरानी शालाओं में शाला सिध्दि के लिए प्रत्येक शिक्षक को बारी-बारी से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

प्रशिक्षण की व्यवस्था ब्लाक स्तर पर आसानी से हो सकती है लेकिन सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए जिला मुख्यालय पर बुलाया जा रहा है। प्रशिक्षण देने वाले डीआरजी भी ब्लाक स्तर से जिलों में जाकर प्रशिक्षण दे रहे है। विडम्बना देखिये जब प्रशिक्षण लेने व देने वाले ब्लाक स्तर से जिलों में जाकर प्रशिक्षण ले व दे रहे है, वही प्रशिक्षण आधे शिक्षकों को ब्लाक स्तर पर दिया जा रहा है। 

विचारणीय बात है कि इसका कोई पैमाना नहीं है कि जिला व ब्लाक पर प्रशिक्षणार्थियों का चयन कैसे जावे ? मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ, माननीय डाॅ श्री प्रभुराम चौधरी शिक्षा मंत्री मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग व राज्य शिक्षा केन्द्र से मांग करता है कि शेष रहे प्रशिक्षण के समस्त चरण या तो निरस्त कर दिये जावे या ब्लाक स्तर पर आयोजित करवाये जावे। 

प्रशिक्षण जिले या ब्लाक के सरकारी भवनों में होने से गुणवत्ता में कोई अंतर नहीं आ रहा है, फिर क्यों तुगलकी फरमान से शिक्षकों कों जिला मुख्यालय की दौड़ करवाई जा रही है ? इससे शिक्षकों में भारी आक्रोश व नाराजगी व्याप्त है । सत्र के शुरूआत में प्रशिक्षण के दौर से शिक्षकों की विद्यालय से कमी से पालकों व समाज में भी संदेश गलत जा रहा है, शिक्षकों द्वारा इन्हें संतुष्ट करना भारी पड़ रहा है । राजधानी स्तर से समाधान की दरकार है । परेशान शिक्षक कहीं आंदोलन पर अमादा न हो जाए, इस पर तत्काल प्रभावी चिंतन व समाधान जरूरी है । 

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