नई भर्तियां, शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति, सहकारी बैंक: मप्र विधानसभा में कार्यवाही | MP NEWS

भोपाल। प्रदेश में कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए अभियान चलाया जाएगा। अनुकंपा नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए सरकार भर्ती नियमों का सरलीकरण करेगी। यह जानकारी गुरुवार को सामान्य प्रशासन, सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने मध्य प्रदेश विधानसभा में दी। वे विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा कर रहे थे। 

मंत्री डॉ. सिंह ने बताया कि सहकारी बैंकों के 28.71 लाख किसानों का कर्ज माफ किया जाना है। सरकार ने अपना वादा निभाते हुए सहकारी बैंकों के माध्यम से 17.72 लाख किसानों का 6179.32 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सहकारी संस्थाओं में भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। साथ ही कैडर सिस्टम हफ्तेभर में लागू कर दिया जाएगा।

शिक्षकों को अनुकंपा नियुक्ति देने में आरटीई की शर्तें आड़े आ रही हैं। सहकारी संस्थाओं से निकाले गए कम्प्यूटर ऑपरेटर का कार्यकाल छह माह बढ़ाया जा रहा है। सहकारी समितियों का लेन-देन एक साल में ऑनलाइन हो जाएगा। बंद की गई सहकारी संस्थाओं को फिर से चालू किया जाएगा और निजी उद्योगों में प्रदेश के 70 फीसदी युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।

11 सहकारी बैंकों में नहीं हो रहा पालन

मंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि 11 बैंकें ऐसी हैं, जो आरबीआई द्वारा तय सीआरआर का पालन नहीं कर पा रही हैं। कई बैंकों ने मार्कफेड की राशि नहीं चुकाई है। इस कारण 38 में से 35 बैंक एनपीए में हैं। 

50 हजार तक का कर्ज माफ किया

समिति सेवक के ट्रांसफर को लेकर विधायक प्रवीण पाठक के सवाल पर मंत्री ने कहा कि पॉलिसी बन गई है। जल्दी जारी करेंगे। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि यह आप कैसे कर सकते हैं, तो मंत्री ने कहा कि जिला बैंक करेंगी। बैंकों को अधिकार दे रहे हैं। भार्गव ने कहा इससे तो स्वायत्तता खत्म हो जाएगी। भार्गव ने राज्य प्रशासनिक सेवा के खाली पदों को भरने की मांग रखी, तो मंत्री ने कहा लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा है। जल्द भर्ती करेंगे।

ईओडब्ल्यू सहित अन्य को प्रभावी बनाएंगे

मंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि ईओडब्ल्यू के ढांचे में संशोधन करेंगे ताकि वह स्वतंत्र रूप से काम कर सके। मंत्री ने कहा कि व्यापमं अभी बंद नहीं हुआ है। उसका छोटा भाई पीईबी भी पैदा हो गया। उसे व्यवस्थित करेंगे।

संचालक मंडल के खिलाफ एफआईआर होगी

डॉ. सिंह ने कहा कि 2007 में तत्कालीन कृषिमंत्री गौरीशंकर बिसेन ने ऋण पुस्तिका श्वेत पत्र जारी किया था। इसमें करीब 3500 कर्मचारियों को दोषी पाया था। उसमें से करीब पांच कर्मचारी निकाले। भिंड के लैचुरा सोसायटी में 1.25 करोड़ का घाटा हुआ था। इसमें ज्वाइंट रजिस्ट्रार और तीन संयुक्त पंजीयकों से जांच कराई। जिसमें मुख्य दोषी संचालक मंडल पाया गया। उस पर अब हम आपराधिक प्रकरण दर्ज कराएंगे।

विधायकों को 25 लाख का वाहन ऋण और गृह ऋण 

मंत्री डॉ. सिंह ने विधायकों की वाहन ऋण और गृह ऋण की सीमा बढ़ाने की मांग भी पूरी कर दी। अब विधायक 25 लाख रुपए तक वाहन ऋण ले सकेंगे। वहीं गृह ऋण भी 25 लाख से अधिक लिया जा सकता है।

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