भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी शिवराज सिंह चौहान के सामने एक नई मुसीबत आ गई है। भारत में पहले से ही भाजपा सदस्यों की संख्या सबसे ज्यादा है और इस बार नए टारगेट मिले हैं। इतना ही नहीं इस बार अमित शाह की टीम सदस्यता अभियान का क्रॉस वेरिफिकेशन भी करेगी। यदि यह क्रॉस वेरिफिकेशन ठीक प्रकार से हो गया तो नेताओं के उन तमाम फर्जी आंकड़ो की पोल खुल जाएगी, जिनके चलते पिछली बार सबको शाबाशी मिल गई थी। खुद शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश में 1 करोड़ सदस्य बनाने के लिए शाबाशी मिली थी।
बीजेपी 6 जुलाई से राष्ट्रीय सदस्यता अभियान का आगाज करने जा रही है और इसे लेकर मध्य प्रदेश में भी तैयारियां जोरों पर है। राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी शिवराज सिंह चौहान भोपाल से लेकर दिल्ली तक अभियान का रोडमैप बनाने में लगे हैं लेकिन इस रोडमैप के बीच ही बीजेपी नेताओं की टेंशन भी बढ़ गई है। टेंशन बढ़ने की वजह राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का वो क्रॉस वेरिफिकेशन है जो सदस्यता अभियान को लेकर हो सकता है। सूत्रों की मानें तो पिछले बार की सदस्य संख्या के दावों से सबक लेकर इस बार अमित शाह सदस्यता अभियान का क्रॉस वेरिफिकेशन करेंगे।
एमपी में बीजेपी ने किया एक करोड़ सदस्य बनाने का दावा
पिछले साल मध्य प्रदेश में बीजेपी ने एक करोड़ सदस्य बनाने का दावा किया था लेकिन विधानसभा चुनाव के नतीजों में पार्टी सत्ता से बाहर तो हुई ही सदस्यों की संख्या को लेकर भी सवाल खड़े हो गए। सदस्य संख्या के आंकड़ों को लेकर बीजेपी के अंदर ही जांच की मांग उठी थी। यही वजह है कि अब कांग्रेस को भी बोलने का मौका मिल गया है। इस बार सदस्यता अभियान की कमान उसी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिली है जहां एक करोड़ पार सदस्य का दावा होने के बावजूद बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई। यही वजह है कि इस बार अमित शाह के क्रॉस वेरिफिकेशन प्लान ने बीजेपी नेताओं की नींद उड़ा दी है।