RAHUL GANDHI ने बताया उनके बाद कांग्रेस की पॉलिसी क्या होनी चाहिए

नई दिल्ली। अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके राहुल गांधी ने भविष्य में कांग्रेस को सशक्त बनाने के लिए चाहते हैं कि पार्टी में प्रमुख पदों पर बैठे नेताओं की जवाबदेही भी तय हो। सरल शब्दों में, राहुल गांधी नहीं चाहते कि कांग्रेस के नाम पर नेताओं की दुकान चलती रहे और पार्टी गर्त में चली जाए। वो चाहते हैं कि यदि नेता, पार्टी से व्यक्ति लाभ कमा रहे हैं तो पार्टी के लिए व्यक्तिगत श्रम भी लगाए। 

ट्वीटर हेंडल से भी अध्यक्ष पद हटा दिया

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं ने राहुल गांधी को चुनाव अभियान के लिए अकेला छोड़ दिया था। कांग्रेस का प्रचार करने वालों की संख्या बहुत कम थी। सभी नेता, अपनी अपनी रुचि की सीटों की चिंता कर रहे थे। इसी से नाराज होकर राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं अपना इस्तीफा पहले ही दे चुका हूं। अब मैं पार्टी अध्यक्ष नहीं हूं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी को बैठक कर जल्द नए अध्यक्ष पर फैसला करना चाहिए। राहुल दिसंबर 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। उन्होंने 25 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने अब अपने ट्विटर हैंडल से भी अध्यक्ष शब्द हटा दिया है। 

अब क्या होगा

जब तक सीडब्ल्यूसी राहुल का इस्तीफा स्वीकार नहीं कर लेती, वे अध्यक्ष बने रहेंगे।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में नए अध्यक्ष के चुनाव का प्रस्ताव पारित हो सकता है। नई सीडब्ल्यूसी भी गठित की जा सकती है।
अध्यक्ष पद के लिए पूर्व गृह मंत्री सुशील शिंदे का नाम सबसे आगे है। हालांकि, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम की भी चर्चा है।
कांग्रेस को 21 साल बाद गैर-गांधी अध्यक्ष मिल सकता है। 1996-98 में सीताराम केसरी अध्यक्ष थे। उनके बाद सोनिया गांधी दिसंबर-2017 तक अध्यक्ष रहीं। 

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