इंदौर। दुबई में जल्द ही वहां का सबसे बड़ा मंदिर आकार लेगा। इसके लिए यूएई सरकार ने भारतीय समुदाय को 30 हजार वर्गफीट जमीन मुफ्त आवंटित की है। दुबई-आबूधाबी मार्ग पर स्थित इस जमीन पर बनने वाले तीन मंजिला मंदिर की खास बात ये होगी कि इसमें सारे हिंदू देवी-देवताओं के साथ सिंधी समुदाय के आराध्य भगवान झूलेलाल, दक्षिण भारतीय लोगों के भगवान अयप्पा और तिरुपति बालाजी की मूर्तियां भी रहेंगी। 75 करोड़ रु. की लागत से मंदिर तीन साल में बनकर तैयार होगा। अभी दुबई में हिंदुओं के दो ही मंदिर हैं। मीना बाजार में श्रीकृष्ण और शंकर मंदिर। इसमें भी शंकर मंदिर ऐसा है, जिसमें तल मंजिल पर साईं बाबा का मंदिर भी है तो ऊपरी मंजिल पर गुरुद्वारा है। अब ये तीसरा मंदिर होगा, लेकिन आकार के लिहाज से बहुत बड़ा और भव्य बनेगा।
इसके निर्माण का जिम्मा गुरु दरबार टेंपल ट्रस्ट ने लिया है, जिसके अध्यक्ष वासु श्राफ हैं। उनके अलावा सुरेश गलानी, चंद्रशेखर भाटिया जैसे इंदौर के कई लोग इस ट्रस्ट से जुड़े हैं। श्राफ के मुताबिक, निर्माण में भारतीय समुदाय के 150 से ज्यादा परिवार सहभागी बनेंगे। इस पर कुल 75 मिलियन दीरहम (लगभग 75 करोड़ रुपए) लागत आएगी, इसमें से ट्रस्ट के पास 20 मिलियन दीरहम जमा है। बाकी पैसा लोगों की मदद से जुटाएंगे।
आबूधाबी में बन रहा स्वामी नारायण मंदिर
इससे पहले यूएई सरकार ने आबूधाबी में स्वामी नारायण मंदिर के लिए भारतीय समुदाय को जमीन आवंटित की थी। उस मंदिर का काम चल रहा है। अब दूसरी जमीन कम्युनिटी डेवलपमेंट अथॉरिटी ने दुबई में दी है। इससे पहले गुरुद्वारा के लिए भी सिख व सिंधी समाज को जमीन मिली थी।
एक महीने में तैयार होगी डिजाइन
इस मंदिर की ड्राइंग-डिजाइन बनाने का काम शुरू हो गया है। इसे एक महीने में फाइनल किया जाएगा। उसके बाद निर्माण संबंधी मंजूरी मिलते ही मंदिर का काम शुरू होगा। तीन साल में मंदिर पूरा कर लेंगे।