INDORE METRO: नया क्षेत्र 2000 वर्ग किमी का हो जाएगा

इंदौर। मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी एरिया बनाने के लिए सरकार तीन शहरों अहमदाबाद, अमरावती और हैदराबाद के मॉडल को अपनाने पर विचार कर रही है। सरकार सबसे पहले एक्ट बनाएगी और फिर महानगर योजना समिति और काउंसिल का गठन होगा। 

योजना समिति का दायरा इंदौर, महू, देवास, पीथमपुर तक सीमित था, लेकिन रविवार को विधानसभा में नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने ऐलान किया कि इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में अब उज्जैन भी शामिल होगा। इससे नया क्षेत्र करीब दो हजार वर्ग किमी का हो जाएगा। इसमें तीन शहरों इंदौर, देवास, उज्जैन के महापौर, दो संभागायुक्त, चार कलेक्टर और दर्जनों नगर पंचायतों, पालिकाओं के अध्यक्ष सदस्य के रूप में शामिल होंगे। महानगर योजना समिति के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। पीथमपुर, महू, देवास, उज्जैन और इंदौर की किसी भी विकास योजना के लिए इस समिति की मुहर लगना जरूरी होगी। इसके बाद काम संबंधित निगम या पालिका ही करेगी। 

विशेषज्ञ बोले : मेट्रो सिटी का मॉडल किसी भी शहर का अपना सकते हैं 

मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी सिटी के लिए लंबे समय से काम कर रहे अजीतसिंह नारंग के मुताबिक, ये सारी व्यवस्थाएं 74वें संशोधन में शामिल हैं। सरकार मेट्रो सिटी का मॉडल किसी भी शहर का अपना सकती है, पर संवैधानिक व्यवस्था में योजना समिति सबसे सशक्त होगी। उसको तकनीकी सलाह मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट काउंसिल देगी और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी नगर निगमों की होगी। 

असर : उज्जैन जुड़ने से बड़ा हो जाएगा एरिया 

उज्जैन के मेट्रोपॉलिटन एरिया में जुड़ने से नॉलेज सिटी, धार्मिक पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने की योजनाएं अब प्रभावी ढंग से लागू हो सकेंगी। इंदौर-उज्जैन का मिलकर डेवलपमेंट प्लान बनेगा। दोनों शहरों के जुड़ने से मेट्रो सिटी का एरिया दो हजार वर्ग किमी के लगभग होगा, जो बेंगलुरू (4 हजार वर्ग किमी) से आधा है। बेंगलुरू का विकास भी मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी बनने के बाद बहुत तेजी से हुआ। 

बदलाव : पानी, खदानों, का नए सिरे से बंटवारा 

इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में अब दो संभाग (इंदौर-उज्जैन) व चार जिले (इंदौर, देवास, उज्जैन, धार) आ गए हैं, इसलिए संभव है कि जब महानगर योजना समिति का गठन हो तो प्राकृतिक संसाधनों जैसे नर्मदा और शिप्रा का पानी, इन क्षेत्रों की खदानें और वन क्षेत्र की संपदा का नए सिरे से बंटवारा हो। अगर मेट्रोपॉलिटन एरिया में कहीं पानी पर्याप्त हो और कहीं कम, तो फिर बंटवारा जरूरी हो जाएगा। 

पहले एक्ट बनेगा, फिर नोटिफिकेशन : जैन 

टीएंडसीपी के डायरेक्टर राहुल जैन के मुताबिक इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया के लिए अमरावती व हैदराबाद और गुजरात के अहमदाबाद की स्टडी की है। अमरावती को गुंटूर और विजयवाड़ा को मिलाकर नई मेट्रो सिटी बनाई जा रही है। उनके मॉडल का सर्वे करवा रहे हैं। सबसे पहला काम तो हमें एक्ट बनाने का करना होगा, उसके बाद मेट्रोपॉलिटन के लिए नोटिफिकेशन होगा। 
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