कलेक्टर भास्कर लक्षकार: कोर्ट में पेश होकर माफी मांगी | BHASKAR LAKSHAKAR IAS

ग्वालियर। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और गुना कलेक्टर भास्कर लक्षकार आईएएस सोमवार को हाई कोर्ट में पेश हुए। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भास्कर लक्षकार ने कोर्ट से माफी मांगी और अपनी कंप्लायंस रिपोर्ट पर खेद जताया। बता दें कि हाईकोर्ट ने राधौगढ़ में 60 दुकानों को तोड़ने के आदेश दिए थे परंतु कलेक्टर ने कंप्लायंस रिपोर्ट पेश कर दी कि उन्हे तोड़ने की जरूरत नहीं है। इसी बात पर हाईकोर्ट नाराज हुआ और कलेक्टर को प्रमुख सचिव के साथ तलब कर लिया। 

भास्कर लक्षकार से हाईकोर्ट क्यों नाराज हुआ

हाईकोर्ट में पेश हुए राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव और गुना कलेक्टर जिले के राधौगढ़ तहसील में कब्रिस्तान के लिए आवंटित जमीन पर वक्फ बोर्ड ने अवैध तरीके से 60 दुकानों का निर्माण कर लिया था। इस पर एक आम आदमी ने जनहित याचिका हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में दायर की गई थी। याचिका में वक्फ बोर्ड की इस कार्रवाई को गलत ठहराते हुए उन पर एक्शन लेने की मांग की गई थी। हाई कोर्ट ने इस मामले में गुना कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और निर्देश दिए थे कि यदि दुकानें बिना डायवर्शन और अनुमति के बनी हैं, तो उन्हें तोड़ दिया जाए। कलेक्टर ने इस मामले में जांच की और शिकायत को सही पाया। कलेक्टर भास्कर लक्षकार ने दुकानों का पजेशन तो ले लिया, लेकिन उन्हें तोड़ने की जहमत नहीं उठाई। कलेक्टर ने हाई कोर्ट में कंप्लायंस रिपोर्ट पेश कर दी और कहा कि दुकानें तोड़ने की जरूरत नहीं है। 

इसे कोर्ट ने गंभीर प्रशासनिक गलती माना और कलेक्टर के खिलाफ अवमानना के नोटिस जारी कर दिया और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को भी कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जवाब देने के आदेश जारी किए। सोमवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में दोनों अफसर पहुंचे उन्होंने अपनी पूर्व की कंप्लायंस रिपोर्ट पर खेद जताया और न्यायालय से माफी मांगी है। अफसरों ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि अगले 7 दिनों के भीतर अवैध तरीके से बनी दुकानों को तोड़ दिया जाएगा, लेकिन हाईकोर्ट ने अफसरों को अंतिम मौका देते हुए 15 जुलाई तक कंप्लायंस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।

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