भोपाल। आयकर विभाग ने विधानसभा चुनाव-2018 में संपत्तियों और आय का सही ब्योरा नहीं देने वाले 50 से अधिक विधायकों को नोटिस जारी किया है। इनमें पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा आदि के नाम हैं। दरअसल, विभाग ने चुनाव जीतने वाले सभी 230 विधायकों की प्रॉपर्टी के दस्तावेज खंगाले थे, जिनमें से 50 विधायकों के आय व संपत्ति के हलफनामों में गड़बड़ी मिली है।
सूत्रों के मुताबिक इन 50 में से 20 विधायकों के हलफनामों की पड़ताल में यह स्पष्ट संकेत मिले हैं कि इन लोगों ने कई अहम जानकारियां छिपाई हैं। इसलिए इन सभी काे आयकर अधिनियम की धारा 131 के तहत समन भी जारी किए गए हैं। इनसे 10 दिन में जवाब मांगा है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि नरोत्तम, गोपाल भार्गव और शशांक भार्गव को नोटिस मिल चुके हैं, जबकि लाखन को नोटिस जारी कर दिया गया है जो उन्हें अगले एक या दो दिन में मिल सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हो रहा वेरिफिकेशन
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को निर्देश दिए थे कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव जीतने वाले सभी प्रत्याशियों के प्रॉपर्टी की पड़ताल एक निश्चित समय अवधि में की जाए। इसी कड़ी में इस बार मप्र और छग में इन्वेस्टिगेशन विंग पिछले आठ माह से हलफनामों की पड़ताल कर रहा था। सूत्रों ने बताया कि कई नेताओं ने अपनी आय के ब्योरे 100-100 पेज में दिए थे। इसलिए उनकी जांच में काफी समय लगा। सबसे पहले नेताओं के आयकर रिटर्न में दी गई आय की जानकारियों का हलफनामों से मिलान किया गया। मप्र में सबसे अधिक समस्या वहां आई जहां विधायकों ने अपने पेनकार्ड तक की जानकारी नहीं दी थी। मप्र में 19 विधायकों के पेनकार्ड की जानकारी चुनाव आयोग के पास नहीं थी।
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मुझे जानकारी नहीं
मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं है। समन के बारे में भी मुझे नहीं पता। मेरा भतीजा आईटी रिटर्न आदि भरता है। उसे ही पता होगा।
लाखन सिंह यादव, पशुपालन मंत्री
मैंने अपना जवाब दे दिया है। 2013 और 2018 के चुनाव के दौरान संपत्ति में जो घट-बढ़ हुई है, उसकी जानकारी दे दी है।
गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष
इस संबंध में जो नोटिस आया था उसका जवाब दे दिया है और विभाग उससे संतुष्ट है। मेरे पिता के निधन के बाद उनकी संपत्ति मुझे ट्रांसफर हुई, इसलिए वह बढ़ी थी।
शशांक भार्गव, विधायक