भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा कार्यक्रम का इंतजार अभी खत्म नहीं होने वाला। कमलनाथ सरकार ने आयु सीमा मामले में नया निर्णय तो ले लिया है परंतु अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। जब कि सरकार आयु सीमा मामले में नया नोटिफिकेशन जारी नहीं करेगी, पीएससी प्रबंधन परीक्षा कार्यक्रम जारी नहीं कर सकता।
आयु सीमा मामले के कारण एमपी पीएससी का पूरा एकेडमिक कैलेंडर (परीक्षा कार्यक्रम) गड़बड़ा गया है। स्थिति यह है कि पीएससी द्वारा हर साल करवाई जाने वाली तमाम परीक्षाएं अटक गई हैं। सबसे ज्यादा देरी राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा को लेकर हो रही है। इसकी प्रारंभिक परीक्षा इसी साल फरवरी में हो जाना थी, लेकिन अब तक अधिसूचना भी जारी नहीं हुई है। अभी कम से कम आठ-दस दिन इसकी संभावन भी नहीं है। पीएससी प्रबंधन का तर्क है कि आचार संहिता के कारण प्रक्रिया अटक गई थी। उसके बाद अब राज्य शासन ने राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा में उम्र के बंधन को लेकर नए निर्णय लिए हैं। उसी की औपचारिक अधिसूचना का इंतजार है। वह आते ही तत्काल पूरा शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा।
तीन साल से राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा तय समय पर हो रही थी, लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते और अन्य कारणों की वजह से फरवरी में प्रारंभिक परीक्षा नहीं हो पाई थी। वन सेवा सहित अन्य कई परीक्षाओं का शेड्यूल भी गड़बड़ा गया है। अब प्रारंभिक परीक्षा सितंबर अंत तक और अगले साल जनवरी अंत तक मुख्य परीक्षा हो पाएगी। इसके बाद इंटरव्यू संभवत: फरवरी-मार्च में ही हो पाएंगे।
आचार संहिता के तुरंत बाद जारी होना था शेड्यूल
आचार संहिता खत्म हुए तीन सप्ताह बीत गए, तभी नया शेड्यूल जारी होना था, लेकिन इस बीच राज्य शासन ने निर्णय ले लिया कि राज्य सेवा परीक्षा में अन्य प्रदेशों के अभ्यर्थियों की उम्र सीमा 28 से बढ़ाकर 35 कर दी गई है, जबकि मध्यप्रदेश के अभ्यर्थियों के लिए यह सीमा 40 से घटाकर 35 कर दी है। इसका भारी विरोध भी हो रहा है। पीएससी प्रबंधन को इस निर्णय की अधिसूचना का इंतजार है, उसके बाद ही कैलेंडर जारी होगा। पीएससी सचिव रेणु पंत का कहना है कि शासन की तरफ से उम्र पर लिए गए निर्णय की औपचारिक अधिसूचना जारी होते ही हम परीक्षाओं की तारीखों का शेड्यूल जारी कर देंगे।