MPPSC: सामान्य वर्ग की आयु सीमा 5 साल घटा दी है | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग -एमपीपीएससी (MADHYA PRADESH PUBLIC SERVICE COMMISSION - MPPSC) की सीधी भर्तियों (DIRECT RECRUITMENT) में राज्य सरकार (KAMAL NATH GOVERNMENT) ने बाहरी राज्यों के युवाओं के लिए अधिकतम आयु सीमा (MAXIMUM AGE LIMIT) 28 से बढ़ाकर 35 कर दी है और इतनी ही आयु सीमा अब प्रदेश के स्थानीय युवाओं के लिए भी तय की है। सरकार का तर्क है कि ऐसा करके उसने सबकी आयु सीमा समान कर दी है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश था परंतु सरकार ने ऐसा नहीं किया है। उसने समान आयु के नाम पर मध्यप्रदेश के स्थानीय सामान्य वर्ग (LOCAL GENERAL CATEGORY) के युवाओं की आयु सीमा 5 साल घटा (AGE LIMIT 5 YEARS REDUCED) दी है। आरक्षित वर्ग की आयु सीमा भी 43 से घटाकर 40 कर दी गई है। 

पत्रकार श्री शैलेंद्र चौहान की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक प्रदेश के सामान्य वर्ग के 21 से 40 वर्ष तक के युवा पीएससी की सीधी भर्ती परीक्षाओं में बैठ सकते थे, लेकिन अब सिर्फ 35 वर्ष तक की उम्र वाले ही बैठ सकेंगे। यानी सरकार के ताजा फैसले से प्रदेश के सामान्य वर्ग के युवाओं को पांच साल उम्र कम होने का नुकसान उठाना पड़ेगा। पीएससी की भर्ती के लिए आयु सीमा निर्धारण पर सामान्य प्रशासन विभाग ने 12 मई 2017 को परिपत्र क्रमांक सी 3-8/2016/3-1 जारी किया था। इसमें स्थानीय की आयु सीमा अधिकतम 40 वर्ष की गई थी। बाहरी के लिए यह 28 वर्ष थी। 

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के समय हाईकोर्ट ने फैसला दिया था

उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष 2018 में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती निकाली थी। पीएससी ने सामान्य प्रशासन के आदेश के मुताबिक मूल निवासियों की आयु सीमा 28 से बढ़ाकर 40 कर दी थी, लेकिन बाहरी प्रदेश के उम्मीदवारों की 28 वर्ष थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगी थी। हाईकोर्ट ने बाहरी उम्मीदवारों के लिए 28 वर्ष आयु सीमा को गलत ठहराया था। मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने आदेश दिया था कि नियम में बदलाव का अधिकार सिर्फ भारत की संसद को है। संविधान के अनुच्छेद-16 और 16 (2) में दी गई व्यवस्था के अनुसार आयु, जाति और निवास स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है। 

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