भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने पूर्व सीएम शिवराज सिहं से सवाल किया है कि जिस तरह वो भोपाल में शिवम मिश्रा मामले में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, क्या हरदा में कमल पटेल और गोटेगांव में मंत्री प्रहलाद पटेल के बेटों के खिलाफ भी ऐसा ही प्रदर्शन करेंगे। वहां भाजपा नेताओं के पुत्र आरोपी हैं।
प्रदेश बदर शिवराज सिंह ओछी राजनीति कर रहे हैं
सलूजा ने कहा कि भोपाल के बैरागढ़ में शिवम मिश्रा की मौत की घटना बेहद दुखद है। मुख्यमंत्री कमलनाथ जी स्वयं इस घटना की न्यायिक जांच की घोषणा कर चुके हैं। वे कह चुके हैं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। परिवार को न्याय मिलेगा लेकिन बड़ा अफसोस है कि पार्टी द्वारा प्रदेश बदर किये गये प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस घटना को राजनीति का विषय बना रहे हैं, इस घटना पर भी ओछी राजनीति कर रहे हैं। बेहद शर्मनाक है।
गोटेगांव व हरदा जाकर भी देना चाहिए
सलूजा ने कहा कि काश शिवराज सिंह जी इतनी सक्रियता व संवेदना उस समय भी दिखाते, जब उनकी सरकार में इस तरह की घटनाएं प्रतिदिन घटित होती थी। शिवराज जी को भोपाल की तरह ही धरना गोटेगांव व हरदा जाकर भी देना चाहिए। गोटेगाँव, जहां भाजपा के केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल व पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल के पुत्रों की गुंडागर्दी के कारण लोग त्रस्त हैं। हाल ही में उन्होंने किस तरह खुलेआम गोलियां चलाकर सात लोगों को गंभीर रूप से घायल किया है। उन पीड़ित परिवार के साथ भी शिवराज सिंह को खड़े होकर, वहाँ भी इनके आतंक के खिलाफ धरना देना चाहिए। साथ ही हरदा के भाजपा विधायक कमल पटेल के पुत्र की गुंडागर्दी के खिलाफ भी हरदा जाकर धरना देना चाहिए।
अच्छा होता कि वे आज राज्यपाल से मुलाकात में भोपाल के साथ-साथ गोटेगांव व हरदा में भाजपा नेताओ के पुत्रों की गुंडागर्दी व उनके द्वारा क्षेत्र में कानून व्यवस्था को निरंतर दी जा रही चुनौती पर भी चर्चा करते तो इससे उनकी अपराध, अपराधियों के प्रति व कानून व्यवस्था के प्रति चिंता समझ आती लेकिन सिर्फ भोपाल की घटना को उठाना यह बताता है कि वह इस घटना पर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। उन्हें अपराध, अपराधी व कानून-व्यवस्था की कोई चिंता नहीं है।
सलूजा ने कहा कि कांग्रेस शिवराज सिंह जी की मनोदशा भली-भांति समझती है कि किस प्रकार उन्हीं की पार्टी द्वारा उन्हें निरंतर प्रदेश से दूर किया जा रहा है। प्रदेश में कोई जवाबदारी नहीं दी जा रही है। अपने आपको प्रदेश की राजनीति में जिंदा रखने के लिए वे इस तरह की सक्रियता दिखा रहे हैं। आज इन्हें बेटी बचाओ अभियान ध्यान आ रहा है लेकिन जब उनकी सरकार थी, तब प्रदेश में बहन-बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित थी। जब तो वे उन्हें सुरक्षा व सम्मान देने में नाकाम साबित हुए थे और आज विपक्ष में बैठकर उन्हें उनकी सुरक्षा की चिंता सता रही है।
लेकिन प्रदेश की जनता सच्चाई जानती है कि शिवराज के राज में कानून व्यवस्था की प्रदेश में क्या स्थिति थी? किस प्रकार मासूम बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं प्रतिदिन घटित होती थी। किस प्रकार कानून व्यवस्था को अपराधियों द्वारा प्रतिदिन चुनौती दी जाती थी।किस प्रकार प्रदेश, दुष्कर्म व अपराध में देश में अव्वल था। उस समय शिवराज बहन-बेटियां को सुरक्षा देने की बजाय खुद के अभिनंदन में व्यस्त थे। उनके राज में बहन-बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित थी और आज एक घटना को, जो निश्चित तौर पर जो बेहद दुखद है, वे राजनीति का विषय बना रहे है। उन्हें शर्म आना चाहिये।