घोटालेबाज भांजे को राजकीय अतिथि बनाकर व्यवस्था का मखौल उड़ा रहे कमलनाथः भाजपा | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक ऐसे व्यक्ति को राजकीय अतिथि का दर्जा देकर व्यवस्था का मखौल उड़ाया है, जो एक घोटालेबाज है और जिसके खिलाफ कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। ऐसे व्यक्ति को राजकीय अतिथि का दर्जा देना नियमों एवं परंपराओं के विरुद्ध तो है ही, बेहद निंदनीय भी है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राहुल कोठारी ने प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी का राजकीय अतिथि का दर्जा दिए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।

कई एजेंसियां कर रही जांच
श्री कोठारी ने कहा कि रतुल पुरी एक बड़े घोटालेबाज हैं, जो इनकम टैक्स की जांच के दायरे में हैं और यह मामला सीबीआई को सौंपा गया है। अगस्ता वेस्टलेंड हेलीकॉप्टर सौदे की दलाली में भी रतुल पुरी का नाम प्रमुखता से सामने आया। रतुल पुरी की कई कंपनियां जांच के घेरों में हैं। रतुल पुरी पर आरोप है कि उन्होंने प्रदेश के अनूपपुर में स्थापित मोजर बियर कंपनी की 4800 करोड़ रुपए की पूंजी डकार गए और दिवाला निकाल दिया। इस कंपनी के 2300 कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दिया गया। रतुल पुरी एनसीएलटी में भी डिफाल्टर हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राजकीय सम्मान दिया जाना दुखद है।

मरीज पैदल जा रहे, घोटालेबाज के काफिले में एंबुलेंस
श्री कोठारी ने कहा कि कांग्रेस सरकार में प्रदेश में मरीजों तक को एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पा रही है। आए दिन मरीज भटकते रहते हैं और उन्हें निजी वाहन से या साइकिल पर लादकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। लेकिन घोटालेबाज रतुल पुरी के काफिले में सरकार ने एंबुलेंस को भी शामिल किया था। श्री कोठारी ने कहा कि हाल ही में जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मध्यप्रदेश आए थे, तो प्रदेश सरकार ने उन्हें हेलीकॉप्टर तक उपलब्ध नहीं कराया था। उन्हें वह सम्मान भी नहीं दिया गया, जिसके वे हकदार थे।

मुख्यमंत्री के वेतन से वसूली जाए खर्च हुई राशि
श्री कोठारी ने कहा कि कमलनाथ प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वे सिर्फ मामा-भांजे का रिश्ता निभा रहे हैं। इसे निभाने में घोटालेबाजों को भी सम्मान देने से नहीं चूक रहे हैं। उन्होंने कहा कि घोटालेबाज रतुल पुरी को राजकीय अतिथि बनाने की शिकायत राज्यपाल महोदया से करेंगे और उनसे मांग करेंगे कि रतुल पुरी के सत्कार पर खर्च हुई राशि मुख्यमंत्री के वेतन से वसूली जाए।

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