भोपाल। निःशुल्क साइकिल वितरण योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत विद्यार्थी जो कि शासकीय विद्यालयों में 9वीं में अध्ययनरत हैं, तथा वह जिस ग्राम का निवासी है उस ग्राम में शासकीय हाई स्कूल संचालित नहीं हैं तथा वह अध्ययन के लिए किसी अन्य ग्राम/शहर के शासकीय स्कूल में जाते हैं, उन्हें लाभान्वित किए जाने का प्रावधान है।
इस योजना का लाभ छात्र को 9वीं प्रथम प्रवेश पर एक ही बार मिलेगा अर्थात 9वीं पुनः प्रवेश लेने पर उसे साइकिल की पात्रता नहीं होगी। कक्षा 9वीं के विद्यार्थी को 20 इंच की साइकिल प्रदान की जाती है। वर्ष 2016-17 के पूर्व पात्र बच्चों को साइकिल के लिए रु. 2400/- के मान से राशि प्रदान की जाती थी। वर्ष 2016-17 से साइकिल प्रदाय की जा रही है। वर्ष 2016-17 में समग्र शिक्षा पोर्टल अनुसार कक्षा 9वीं के पात्र 4.16 लाख बालक/बालिकाओं को साइकिल वितरित की गई। वर्ष 2017-18 से ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत विद्यार्थी जो कक्षा 6वीं एवं 9वीं में अध्ययनरत हैं तथा उसी ग्राम के ऐसे मजरे–टोले में निवासरत हैं, जो उस माध्यमिक/ हाईस्कूल से 2 किमी. से अधिक दूरी पर हैं, एवं ग्रामीण अंचलों में रिथत कन्या छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थी जिनकी माध्यमिक/ हाईस्कूल शाला 2 किमी. या उससे अधिक दूरी पर स्थित है, को सम्मिलित किया गया है।
योजना के तहत कक्षा 9वीं के लगभग 5.00 लाख छात्र-छात्राएँ लाभान्वित होंगे। सत्र 2018-19 हेतु 175 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। 9वीं कक्षा के लगभग 6 लाख विद्यार्थियों को निःशुल्क साइकिल प्रदान करने का लक्ष्य था। कक्षा 6वीं के विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क साइकिल वितरण की जानकारी राज्य शिक्षा केंद्र से ली जा सकती है।
इस सत्र यानी 2019-20 हेतु भी लगभग 6 लाख साइकिल प्रदाय करने का लक्ष्य है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी भोपाल जिले के ग्राम सूखी सेवनिया के शासकीय मंगल पाण्डे हाईस्कूल में स्कूल चलें हम” अभियान कार्यक्रम को संबोधित किया। साथ ही पात्र विद्यार्थियों को साइकिल प्रदान की। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी एवं प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा, श्रीमती रश्मि शमी ने मॉडल स्कूल टी.टी. नगर में स्कूल चलें हम” अभियान में उत्कृष्ट परिणाम आने पर प्राचार्य को प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। पदक विजेता छात्राओं को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने स्कूल चलें हम” संदेश पट्टिका और गुब्बारों को आकाश में छोड़ते हुए अभियान को आनंदमयी बनाया।