जबलपुर। हाईकोर्ट ने मटका किंग देवेन्द्र गोयल की जमानत खारिज कर दी है। जस्टिस मोहम्मद फहीम अनवर की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि आरोपी पर गंभीर आरोप हैं। इनको देखते हुए जमानत का लाभ देना उचित नहीं है। हाईकोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने 13 जून को सुनवाई के बाद जमानत पर निर्णय सुरक्षित कर लिया था।
अभियोजन के अनुसार ग्वारीघाट पुलिस ने 18 मई 2019 को नागपुर निवासी देवेन्द्र गोयल सहित तीन लोगों को सुखसागर वैली में किराए के मकान में मटका का ऑनलाइन सट्टा खिलाते हुए पकड़ा था। पुलिस ने जब मामले की जाँच की, तो पता चला कि देवेन्द्र गोयल नागपुर में लंबे समय से मटका का ऑनलाइन सट्टा खिलाया करता था। पुलिस से बचने के लिए उसने जबलपुर को अपना ठिकाना बना लिया है। पुलिस ने देवेन्द्र गोयल पर धारा 420, 467, 468, 471, आईटी एक्ट की धारा 66 डी और गैम्बलिंग एक्ट की धारा 4 के तहत आरोप पत्र पेश किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अयाज मोहम्मद ने 24 मई को देवेन्द्र गोयल की जमानत खारिज कर दी थी। इसके बाद हाईकोर्ट में जमानत दायर की गई थी।
सट्टे का बड़ा रैकेटियर है आरोपी
नागपुर निवासी संदीप अग्रवाल की ओर से जमानत का विरोध करते हुए अधिवक्ता निशांत दत्त ने तर्क दिया कि आरोपी सट्टे का बड़ा रैकेटियर है। आरोपी ने नागपुर में टूर एंड ट्रेवल्स के नाम पर 4 करोड़ की धोखाधड़ी की है। इसलिए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जाए। वहीं आरोपी की ओर से कहा गया कि उसके खिलाफ जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उनका इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है। सुनवाई के बाद एकलपीठ ने आरोपी की जमानत निरस्त कर दी है। हाईकोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने 13 जून को सुनवाई के बाद जमानत पर निर्णय सुरक्षित कर लिया था।