जबलपुर। मुख्य रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने गुरुवार को हवाला कारोबार करने वाले गुजरात के 2 कारोबारियों को दबोच लिया और जैसे ही उनकी तालाशी ली तो उनके पास से 21 लाख 11 हजार रुपए निकले, जिससे स्टेशन पर सनसनी फैल गई। लाखों रुपए पकड़े जाने की जानकारी मिलते ही स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ लग गई।
GRP के अनुसार दोनों यात्री पत्थूजी और संजय कुमार दवे (Parthuji and Sanjay Kumar Dave) जबलपुर बांद्रा एक्सप्रेस से वडोदरा जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन सूचना मिलने पर जीआरपी की टीम ने उन्हें हवाला की रकम के साथ पकड़ लिया। दोनों युवकों के पास से मिले दस्तावेजों की जांच करने पर गुजरात से उनका सीधा कनेक्शन सामने आया है, जिसकी जानकारी आयकर विभाग को दी गई है। आयकर विभाग के अतिरिक्त निदेशक मनोज मिश्रा मामले की जांच कर रहे हैं। जीआरपी थाना प्रभारी सुनील नेमा ने बताया कि मुखबिर ने सूचना दी थी कि रेलवे स्टेशन पर गुजरात के रहने वाले दो युवक हवाला की लाखों रुपए की रकम लेकर जा रहे हैं। सूचना मिलते ही सतर्कता दिखाते हुए जीआरपी की टीम यदुवंश मिश्रा, राजकुमार खटीक, मनोज मिश्रा, नितिन दुबे के साथ श्री नेमा स्टेशन पर पहुंचे और घेराबंदी कर दोनों युवकों को पकड़ लिया। जब दोनों से पूछताछ कर बैग की तालाशी लेने की बात कही गई तो वो आक्रामक हो गए और तालाशी से इंकार करने लगे, जिससे जीआरपी का शक और मजबूत हो गया है।
जीआरपी थाना प्रभारी श्री नेमा ने बताया कि जब कड़ा रवैया अपनाया गया तो दोनों युवक तालाशी देने के लिए राजी हो गए। जब पहले यात्री पत्थूजी की तालाशी ली गई तो शर्ट के भीतर 1 लाख रुपए की गड्डी मिली। टीम ने देखा कि पत्थूजी शर्ट के भीतर एक पतली जी जैकेट पहने है, जिसमें जेबें हैं। जब उन्होंने जैकेट की तालाशी लेनी चाही तो झगडऩे पर उतारु हो गया। समझाइश को बाद वो राजी हुआ और जैसे ही उसकी जैकेट में तालाशी ली गई तो उसमें रुपयों की कई गड्डियां निकली, जिनको गिना गया तो वो 20 लाख रुपए थे। 20 लाख रुपए निकलते ही पत्थूजी मचल गया और रुपए देने को राजी नहीं हुआ लेकिन जीआरपी ने रुपयों को जब्त कर लिया। साथी संजय दवे के पास कच्चे बिल मिले हैं, जिनमें जबलपुर के कुछ व्यापारियों के नाम हैं।
जीआरपी थाना प्रभारी श्री नेमा ने बताया कि दोनों यात्रियों यात्री पत्थूजी और संजय कुमार दवे को जब थाने लाया गया तो उनका कहना था कि वो गुजरात के वडोदरा की फर्म पटेल रामाबाई मोहनदास एंड कंपनी के कलेक्शन एजेंट हैं और जबलपुर में रहकर कंपनी के लिए कलेक्शन करते हैं। उनकी कंपनी की देश भर के कई बड़े शहरों में 70 से अधिक शाखाएं हैं। उन्होंने विजयनगर में घड़ी चौक के पास एक फ्लैट लिया है, जहां से वो कंपनी के लिए काम करते हैं लेकिन जब जीआरपी ने कंपनी से जुड़े दस्तावेज दिखाने को कहा तो वो घबरा गए और आनाकानी करने लगे। उन्होंने कुछ कच्चे हाथ से लिखे बिल दिखाए, जो गुजराती में लिखे हुए थे लेकिन कंपनी के लेटरहेड वाले कोई दस्तावेज वो नहीं दिखा पाए। जीआरपी की टीम ने विजयनगर स्थित उनके निवास की भी तालाशी ली, जिसमें कई दस्तावेज मिले हैं,जिनकी पड़ताल आयकर विभाग द्वारा की जाएगी।