भोपाल। किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री सचिन यादव ने आज कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की पश्चिमी जोन के लिये रबी विपणन वर्ष 2020-21 में मूल्य निर्धारण संबंधी बैठक में कहा कि उपज के लागत मूल्य में लगातार वृद्धि के अनुसार समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाना चहिये। साथ ही, कृषि संबंधी ऐसी तकनीकों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिये, जिससे लागत में कमी आये।
मंत्री श्री यादव ने कहा कि किसानों के हित संवर्धन में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग का महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिये किसानों से वास्तविक स्थिति जानकर ही उपज के लागत मूल्य का सटीक आकलन करते हुए केन्द्र सरकार को मूल्य निर्धारण के लिये प्रस्ताव भेजें, ताकि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य प्राप्त हो सके।
प्रमुख सचिव कृषि श्री अजीत केसरी ने कहा कि आयोग के माध्यम से वास्तविक लागत-लाभ विश्लेषण के बाद उपज का संतुष्टिदायक मूल्य निर्धारित किया जाना है। सीएसीपी के चेयरमेन श्री विजय पॉल शर्मा ने बताया कि आयोग, किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिये निर्यात को बढ़ावा देने तथा दलहन-तिलहन के आयात में कमी लाने के लिये किसानों को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश सहित गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, गोवा, दादर नगर हवेली तथा दमन और दीव सरकार के कृषि विभाग और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा कास्ट ऑफ कल्टीवेशन स्कीम पर पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन दिया गया। इन राज्यों से आये किसानों ने फसल के मूल्य से जुड़ी समस्याओं तथा लागत के बारे में कृषि विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया।
बैठक में प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड श्री फैज अहमद किदवई, संचालक कृषि श्री मुकेश शुक्ला, संयुक्त सचिव-सलाहकार श्री देवेन्द्र कुमार पाण्डे, कृषि वैज्ञानिक, पश्चिम जोन राज्यों के कृषि अधिकारी, कृषि विश्वविद्यालयों के डीन तथा कृषक प्रतिनिधि उपस्थित थे।