भोपाल। बैरागढ़ में आज उस वक्त लोगों की आंखे नम हो गई जब शवयात्रा में एक छोटी सी लड़की अर्थी के आगे हांडी लेकर चल रही थी। इतना ही नहीं बेटी श्मशान में पहुंच अंतिम संस्कार से पहले की सभी परंपराएं निभाई और अपने पिता को मुखाग्नि दी।
दरअसल बैरागढ़ में नमकीन के व्यवसायी 38 साल के मुकेश मेघर (Mukesh Meghar) को बीते दिनों हार्ट अटैक आया था। बुधवार शाम उनका निधन हो गया। मुकेश दो बेटियों के पिता थे। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के पहले परिवार के सामने परेशानी ये थी कि मुकेश का अंतिम संस्कार कौन करेगा। बड़ी बेटी उर्वशी (Urvashi Meghar) महज 11 साल की है और छोटी की उम्र छह साल है। उर्वशी छठवीं क्लास में पढ़ती है। ऐसे में प्रश्न ये उठा कि मुकेश का अंतिम संस्कार कैसे होगा और श्मशान में होने वाली रस्में कौन पूरी करेगा। कई लोगों ने सलाह दी कि बड़ी बेटी अभी छोटी है किसी दूर के रिश्तेदार से मुखाग्नि दिला दी जाए। लेकिन जब ये बात मुकेश की पत्नी वैशाली को पता चली तो उन्होंने कहा कि नहीं बेटी उर्वशी ही अपने पिता को मुखाग्नि देगी। परिवार और समाज के कई लोगों ने वैशाली को समझाने की कोशिश की लेकिन उर्वशी की मां अपने फैसले पर अडिग रही।
आज दोपहर बैरागढ़ की सर्वोदय कॉलोनी से जैसे ही मुकेश की अंतिम यात्रा शुरू हुई तो लोगों की आंखे नम हो गई। शवयात्रा के आगे एक छोटी सी लड़की हाथ में हांडी लिए चल रही थी। श्मशान पर उस समय लोगों के आंसू छलक पड़े, जब एक उर्वशी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार के पहले और बाद के कर्म पूरे किए।