उज्जैन। बड़नगर रोड़ स्थित हनुमान गढ़ी के तिरुपति धाम मंदिर में आचार्य श्रीकांत महाराज के कक्ष से आभूषण और नकदी चोरी के मामले का खुलासा हो गया है। पुलिस ने दावा किया है कि ये चोरी मंदिर के पुजारी रमाकांत तिवारी और रसोइया यशवंत ने मिलकर की थी। रमाकांत ने ही चोरी की रिपोर्ट भी लिखाई थी। 1 महीने बाद मौका मिलते ही रमाकांत और यशवंत घर चले गए। पुलिस ने सतना से यशवंत और बिहार से रमाकांत को गिरफ्तार कर लिया है।
खुद ही रिपोर्ट लिखाई फिर महीने भर मंदिर में ही रहे
पुलिस ने पुजारी और रसोइए सहित दो महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है। चारों ने मिलकर योजनाबद्ध तरीके से चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। चोरी कर सामान छुपाने के बाद खुद ही पुलिस थाने जाकर रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। वारदात के समय मंदिर के महंत 1008 श्रीकांत आचार्य जी महाराज प्रयाग कुंभ में थे। इस दौरान मंदिर में सारी व्यवस्थाएं पुजारी बबलू तिवारी ही संभाल रहा था। उसने महाराज के कक्ष में आभूषण और 3 लाख रुपए से ज्यादा नकदी रखी देख साथी यशवंत के साथ मिलकर चोरी की वारदात करने की योजना बनाई। इसमें किचन में काम करने वाली महिलाओं को भी शामिल किया।
मामला ठंडा हुआ तो अपने अपने गांव चले गए
एसपी सचिन अतुलकर ने बताया तीन महीने तक चली जांच के दौरान आरोपी वारदात करने के एक महीने बाद छुट्टी लेकर गांव चले गए थे। जब ये दोनों काफी दिनों तक वापस नहीं लौटे तब आश्रम के रहने वाले कुछ लोगों ने पुलिस को जानकारी दी कि पुजारी बबलू उर्फ रमाकांत तिवारी पिता राजेंद्र तिवारी अपने गांव बिहार के रोहतास एवं यशवंत पिता शत्रुघ्न भी सतना चला गया है। वहां आरोपी काफी खर्च कर रहे हैं।
आश्रम की टिप पर पुलिस फिर सक्रिय हुई
इस पर पुलिस को आशंका हुई जिसके बाद पुलिस टीम ने बिहार और सतना से आरोपियों को गिरफ्तार किया और उज्जैन लाकर पूछताछ की तो उन्होंने वारदात कबूल कर ली। बबलू और यशवंत ने चोरी का माल किचन में काम करने वाली महिला गंगाबाई और दीपमाला नायक के पास रख दिया था। तिरुपति धाम मंदिर में चोरी के आरोपी पुजारी और रसाेइया सहित दो महिलाओं को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।