नीमच। द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश महेश कुमार त्रिपाठी व अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष सुरेश शर्मा के बीच कोर्ट प्रकरण की बातचीत, टिप्पणी वाले मामले ने दूसरे दिन तूल पकड़ लिया। घटना के विरोध में वकीलों ने न्यायालय परिसर में 1.30 घंटे प्रदर्शन कर नारेबाजी की। न्यायाधीश दंपती के स्थानांतरण तथा दाेनाें की काेर्ट से जुड़े 150 से अधिक प्रकरण अन्यत्र न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग रखी। इधर, मामला सुलझाने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश हृदेश श्रीवास्तव ने मोबाइल पर चर्चा कर वकीलों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाना चाहा, लेकिन बात नहीं बनी।
जिला न्यायाधीश श्रीवास्तव का कहना था अगर जज त्रिपाठी खेद प्रकट करेंगे ताे 3 साल तक ग्लानि महसूस होगी, अभिभाषक संघ ने कहा सर ताे काेर्ट रूम में जज ने वकीलों का सम्मान क्याें नहीं किया। इसके बाद संघ की साधारण सभा में जज द्वारा खेद प्रकट नहीं किया तो सोमवार से निर्णय होने तक हड़ताल करने का फैसला लिया। बुधवार को कोर्ट में 'टिप्पणी' वाली घटना को लेकर अभिभाषक संघ के सदस्य गुरुवार को न्यायालय परिसर में एकत्र हुए। जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीवास्तव ने मामले में चर्चा के लिए अभिभाषकों के प्रतिनिधिमंडल को चेंबर में बुलाया।
लाउडस्पीकर पर वकील साथी पूरी बात सुन रहे थे। सभी ने एकमत होकर कहा कि यहां आना पड़ेगा। न्यायाधीश श्रीवास्तव ने कहा अगर जज खेद प्रकट करते हैं तो करीब 3 साल (जिले में पदस्थापना अवधि) ग्लानि महसूस करेंगे, ऐसे में चर्चा से निराकरण कर लीजिए। इस पर अभिभाषकों ने जवाब दिया कि हम वकीलों का सम्मान नहीं है क्या? बात यहीं खत्म हो गई।
पूर्व अध्यक्ष ने घटनाक्रम बताया, संघ ने हड़ताल का लिया निर्णय
अभिभाषक संघ की साधारण सभा में पूर्व अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश महेशकुमार त्रिपाठी व खुद के बीच का घटनाक्रम बताया। वकील अजय सैनी ने चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश सुषमा त्रिपाठी वाले घटनाक्रम को उठाया। वकीलों ने एक राय ली कि न्यायाधीश को खेद जताना चाहिए वरना बहिष्कार किया जाएगा। सोमवार से सभी कोर्ट से जुड़े मामलों में वकीलों की हड़ताल का फैसला हुआ। वकीलों ने न्यायाधीश त्रिपाठी की खंडपीठ के बाहर भी नारेबाजी की।
न्यायाधीश दंपती के कोर्ट के केस अन्यत्र ट्रांसफर किए जाएं
अभिभाषक संघ अध्यक्ष सुनील जोशी के मुताबिक न्यायाधीश दंपती के न्यायालयों से जुड़े 75-75 केस अन्यत्र न्यायालयों में ट्रांसफर करने की मांग रखी है। ताकि सुनवाई होती रहे। कोई भी वकील इन न्यायाधीश के कोर्ट में सुनवाई नहीं करना चाहता।
सारा विवाद क्यों शुरू हुआ
बुधवार को द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश महेशकुमार त्रिपाठी के कोर्ट में अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ वकील सुरेश शर्मा सिविल प्रकरण की सुनवाई के सिलसिले में गए थे। प्रकरण में सामने वाले पक्ष के अभिभाषक के नहीं आने पर शर्मा ने कहा इस केस में मुझे कोई आपत्ति नहीं आप समय दे दीजिए। शर्मा के मुताबिक इतना सुनते ही न्यायाधीश त्रिपाठी ने कहा कि आप बाहर निकल जाओ नहीं तो कोर्ट मुंशी को कहकर आपको बाहर निकलवा दूंगा। शर्मा बाहर निकले और घटनाक्रम के बारे में अभिभाषक संघ को अवगत कराया।