खबर का असर: असावटी का मतदान रद्द, फिर से वोटिंग होगी | NATIONAL NEWS

भोपाल। खबर तो देश भर की मीडिया में सुर्खियां बनी थी परंतु 'सुलगते सवाल' सबसे पहले भोपाल समाचार ने उठाए और फिर दर्जनों टीवी चैनलों पर इन्हीं सवालों के जवाब मांगे गए। नतीजा चुनाव आयोग को मानना पड़ा कि यह बूथ कैप्चरिंग का मामला है और बूथ से फिर से मतदान कराने का ऐलान किया गया। मामला हरियाणा के पलवल में एक मतदान केंद्र का है। बीजेपी के पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीठासीन अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। 

कहां हुई थी घटना 
यह घटना फरीदाबाद लोकसभा सीट के तहत आने वाले असावटी गांव में हुई, जहां 12 मई को मतदान हुआ था। मतदान के बाद एक वीडियो सबसे पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, फिर टीवी चैनलों और न्यूज पोर्टल्स पर नजर आने लगा। देखते ही देखते देश भर की सुर्खियों में आ गया। वीडियो में साफ नजर आ रहा था कि भाजपा ऐजेंट मतदाताओं के बदले वोट डाल रहा है। 

चुनाव आयोग ने जांच में क्या पाया
चुनाव आयोग ने संबंधित पीठासीन अधिकारी को कर्तव्य में शिथिलता के आरोप में निलंबित कर दिया और उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी। मतदान की गोपनीयता के उल्लंघन के कारण फिर से मतदान कराने के आदेश दिए गए हैं। आयोग ने कहा कि पोलिंग एजेंट गिरिराज सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 171-सी, 188 और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 135 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

माइक्रो ऑब्जर्वर पर भी कार्रवाई हुई
बयान के मुताबिक, ‘‘पीठासीन अधिकारी अमित अत्री को कर्तव्य में शिथिलता के लिए निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई भी शुरू की जा रही है। माइक्रो ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) सोनल गुलाटी ने सही तरीके से घटना की रिपोर्ट नहीं दी, जिसके कारण उन पर चुनाव से जुड़े किसी भी काम को करने के लिए तीन साल तक की रोक लगा दी गई है।

निर्वाचन अधिकारी का तबादला कर दिया गया
घटना पर तत्काल कार्रवाई नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी 10 का तबादला कर दिया गया है और आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि उनकी जगह लेने के लिए तीन योग्य अधिकारियों के नाम तत्काल भेजें। चुनाव आयोग की शिकायत पर पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार किया गया था।

भोपाल समाचार का क्या योगदान रहा
भोपाल समाचार देश के उन प्रमुख 10 समाचार स्त्रोतों में से एक रहा जिसने इंटरनेट पर सबसे पहले इस खबर को प्रसारित किया। शुरूआत में ज्यादातर खबरों में कहा गया कि पोलिंग ऐजेंट मतदाताओं को वोट डालने के लिए गाइड कर रहा है, भोपाल समाचार ने दावा किया कि पोलिंग ऐजेंट खुद मतदाताओं की जगह बटन दबा रहा है। भोपाल समाचार ने वीडियो की समीक्षा की और सुलगते सवाल प्रसारित किए। भोपाल समाचार ने ही इस मामले में पीठासीन अधिकारी और निर्वाचन अधिकारी को जिम्मेदार बताया था जबकि चुनाव आयोग यह मानने को तैयार नहीं है कि ऐजेंट ने फर्जी वोटिंग की।

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