मप्र कांग्रेस की जड़ों में लिपटीं अमरबेलों के नाम | MP NEWS

भोपाल। राजनीति में पुत्रवाद के राष्ट्रीय प्रतीक राहुल गांधी इन दिनों पुत्रवादी नेताओं से नाराज हैं। वो इस्तीफा दे बैठे हैं और जिद पर अड़े हैं। इसी के साथ अब कांग्रेस की समीक्षाओं का दौर शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस अब यूपी की तरह साफ होती नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इसलिए जीती क्योंकि विकल्प नहीं था। लोकसभा चुनाव में 29 में से सिर्फ 1 और वो भी मुख्यमंत्री के बेटे की। यह जीत भी शर्मनाक ही है। आइए हम बताते हैं कांग्रेस की जड़ों में लिपटीं कुछ अमरबेलों के नाम जिनके कारण कांग्रेस जैसा वटवृक्ष सूखता चला जा रहा है। 

सागर ग्रामीण 20 साल से एक ही परिवार के कब्जे में

यहां पिछले बीस सालों से एक ही परिवार के कब्जे में पूरी कांग्रेस है। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत जब तक यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे तब उन्होंने अपने बड़े भाई गुलाब सिंह राजपूत को जिलाध्यक्ष बनवाए रखा। वे करीब 8 साल तक इस पद पर रहे। गोविंद सिंह राजपूत प्रदेश संगठन में महामंत्री बने तो उन्होंने अपने दूसरे नंबर के भाई हीरा सिंह राजपूत को जिलाध्यक्ष बनवा दिया, पिछले 12 सालों से वे जिलाध्यक्ष बने हुए हैं। हाल ही में उन्होंने बड़े भाई गुलाब सिंह राजपूत के बेटे टिंकू राजा को युवक कांग्रेस का विधानसभा अध्यक्ष बनवा दिया है। इससे पिछले 20 सालों से सागर जिले की पूरी कांग्रेस सुरखी विधानसभा तक सीमित रह गई है।

छिंदवाड़ा: 19 साल से एक ही व्यक्ति जिलाध्यक्ष

यहां गंगा प्रसाद तिवारी 19 साल से जिलाध्यक्ष हैं, उन्हें मुख्यमंत्री कमलनाथ का करीबी माना जाता है। तिवारी की स्वास्थ्य कारणों से जिला कांग्रेस में सक्रियता कम हुई है।

सिंगरौली: यहां भी 19 साल से एक ही जिलाध्यक्ष

यहां तिलकराज सिंह बीते 19 सालों से जिलाध्यक्ष के पद पर हैं। तिलक राज को पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का विश्वस्त माना जाता है।

इंदौर: 12 साल से प्रमोद टंडन जिलाध्यक्ष

इंदौर जिला कांग्रेस के 2007 से यानी 12 साल से प्रमोद टंडन जिलाध्यक्ष हैं। इसी तरह रायसेन जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुमताज खान और जबलपुर से जिलाध्यक्ष दिनेश यादव भी 10 साल से ज्यादा समय से जिलाध्यक्ष के पद पर जमे हुए हैं। 

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