कमलनाथ का इस्तीफा: फैसला राहुल गांधी के हाथ | MP NEWS

भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस को मिली शर्मनाक हार के बाद कमलनाथ के इस्तीफे की आवाज बुलंद हो गई है। प्रदेश कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल के बाद कांग्रेस के कई नेताओं की मांग है कि अब कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इससे पहले कि कांग्रेस में 'कमलनाथ मुर्दाबाद' के नारे शुरू हों, कमलनाथ ने खुद भी इस्तीफे की पेशकश कर दी है। 

खबर आ रही है कि सीएम कमलनाथ ने प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया से इस्तीफे की पेशकश की है। दीपक बावरिया ने उन्हे उत्तर दिया है कि इस बारे में वो राहुल गांधी से ही बातचीत करें। बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद से ही कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने की मांग शुरू हो गई थी परंतु लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण फैसले को टाल दिया गया। 

हार के लिए कमलनाथ जिम्मेदार

कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल ने कांग्रेस की शर्मनाक हार के लिए कमलनाथ को जिम्मेदार ठहराया है। कमलनाथ पूरे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए ठीक प्रकार से काम नहीं कर पाए। उनका पूरा फोकस केवल छिंदवाड़ा पर ही रहा। यहां से भी वो सम्मानजनक वोट हासिल नहीं कर पाए। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय प्रवक्ताओं और मीडिया प्रभारियों के भरोसे चलता रहा। कांग्रेस के तमाम नेता अपना क्षेत्र छोड़कर अपने नेता के क्षेत्र में काम करते रहे। पूरे चुनाव में कांग्रेस संगठन कहीं नजर नहीं आया। यहां तक कि भोपाल से भी लोकसभा चुनाव के लिए कोई विशेष रणनीति नहीं बनी। 

उत्तरप्रदेश की समीक्षा कर रहे हैं कमलनाथ

सीएम कमलनाथ मध्यप्रदेश में अपनी असफलता को ​छुपाने के लिए उत्तरप्रदेश की समीक्षा कर रहे हैं। उनका ताजा बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा 'कांग्रेस लोगों तक अपना संदेश पहुंचाने में पूरी तरह कामयाब नहीं हो सकी। वहीं उन्होंने यह भी माना कि प्रियंका गांधी को लांच करने में भी देरी हुई। उनके अनुसार, प्रियंका गांधी को कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान में काफी पहले ही जुड़ जाना चाहिए था।'

मप्र में किसान कर्ज, कर्मचारी और बिजली कटौती के कारण वोट नहीं मिले

ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट कहती है कि मध्यप्रदेश में अधूरी किसान कर्ज माफी, भाजपा के नाम पर कर्मचारियों की प्रताड़ना, मनमाने तबादले और अघोषित बिजली कटौती के कारण कांग्रेस के वोट कट गए। रिकॉर्ड बोलता है कि जिन कर्मचारियों ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट दिया था, उन्हीं कर्मचारी और किसानों ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट नहीं दिया। यह कमलनाथ सरकार के प्रति नाराजगी थी जिसका खामियाजा राहुल गांधी को भोगना पड़ा। 

जिलों से भी कमलनाथ के इस्तीफे मांगे जा रहे हैं

आईटीसेल शहडोल संभाग के प्रमुख शिवम खेमका सोशल मीडिया फेसबुक के माध्यम से मांग की है। मप्र मे 29 में से 28 सीटें गंवाने के बाद अब आईटी सेल प्रमुख ने कहा कि जब राहुल गांधी इस्तीफे की पेशकश कर दिये हैं तो कमलनाथ, अशोक गहलोत व भूपेश बघेल को भी जिम्मेदारी लेना चाहिए अर्थात् उन्हे भी इस्तीफा दे देना चाहिये।

मंत्री भी इस्तीफा चाहते हैं

कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री लाखन सिंह यादव का बयान भी नजर आया है। उनका कहना है कि कमलनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए। यादव ने कहा कि वो तो विधानसभा के बाद ही इस्तीफा देना चाहते थे।

लक्ष्मण सिंह ने भी कमलनाथ को हटाने की मांग की

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने भी कांग्रेस के सुर में सुर मिला लिया है। उन्होंने लिखा: कांग्रेस पार्टी के सभी कार्यकर्ता भाईयों,बहनों निराश न हो।जब मनुश्य पुनर्जन्म ले सकता है,तो अपनी पार्टी भी पुन्ह जीवित होगी,बस अवश्यक्ता है तो सही व्यक्ति को संगठन का काम देना।

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