आदरणीय महोदय जी, म.प्र में वर्षों बाद पीईबी द्वारा शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया जिसमें अतिथिशिक्षकों को 25% आरक्षण दिया जा रहा है इसके लिए उनको अनुभव प्रमाण पत्र बनबाने के लिए तन मन धन हर प्रकार का त्याग करना पड़ रहा है।
पहले तो लापरवाह शिक्षा विभाग के अतिथिशिक्षक प्रबंधन प्रणाली में उनको कई वर्ष का अनुभव संबंधी डाटा अपलोड ने होने से स्कूलों में उन वर्षों का अनुभव बनबाने के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे है इस भीषण गर्मी में दूसरे कई प्राचार्य व संस्था प्रभारी जो वर्किंग डेज में भी आराम फरमाते हैं वो अभी अपनी छुट्टियों को अतिथिशिक्षक अनुभव के लिए खराब नहीं करना चाह रहे जिससे ये बार बार उनके चक्कर काट रहे है फिर पोर्टल पर जो डाटा उपलब्ध है वो भी कम खामियों से भरा नहीं हैै।
कई जगह प्रत्येक सत्र के अनुभव प्रमाण पत्रों में एकसा क्यूआर कोड आने के कारण संकुल वाले अलग अलग क्यूआर कोड वाले अनुभव प्रमाण पत्र सत्रवार बनबाने के लिए परेशान कर रहें हैं कई संकुलों में अतिथिशिक्षकों को अनुभव प्रमाण पत्र जमा करने पर पावती नहीं दी जा रही है वर्तमान प्रदेश सरकार अतिथिशिक्षक नियमितिकरण का वचन देकर सत्ता में आई थी मगर अपने अब तक के कार्यकाल में ऐसा कुछ नहीं कर पायी जिससे अतिथिशिक्षक को कोई राहत हो उल्टा शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से अतिथिशिक्षक हर प्रकार से परेशान है जबकि यदि शिक्षा विभाग चाहता तो पहले से पोर्टल पर उपलब्ध संस्था प्रभारी व संकुल प्राचार्य द्वारा सत्यापित प्रमाण पत्र को ही सत्यापित करा देता जो कि सत्रवार है दुबारा प्रमाण पत्र बनबाने से तो यही लगता है कि या तो सरकार को अपने तंत्र पर भरोसा नहीं या फिर वर्तमान समय में बेरोजगार चल रहे अतिथि शिक्षकोंं को गर्मी में परेशान करने की मंशा इन प्रमाण पत्रों के चक्कर में अतिथि शिक्षकों को कई संस्थाओं के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
बार बार पोर्टल की गलती से कई बार फोटोकापी व फिर सत्यापन की अनिवार्यता के कारण संस्था प्रधान व अलग अलग संकुलों के चक्कर में परिवहन व्यय भुगतना पड़ रहा है व शालाओ में अवकाश होने से इन कर्मचारियों के घर घर जाना पड़ रहा है।
आशीष कुमार बिरथरिया, उदयपुरा रायसेन
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