जबलपुर। मौत को गले लगाने गईं दो महिलाओं को आरक्षक की सजगता से बचा लिया गया। यदि मौके पर आरक्षक हरिओम (Constable Hari Om) सजग नहीं होते तो शनिवार को दो महिलाओं की जिंदगी खत्म हो चुकी होती। मामला पर्यटन स्थल भेड़ाघाट (Tourism Bhedaghat) के धुआंधार का है। यहां एक महिला को कूदने से पहले ही बचा लिया वहीं दूसरी महिला छलांग लगा चुकी थी उसे गोताखोरों की मदद से बचाया गया।
दौड़ लगाकर जा रही थी कूदने
शनिवार की सुबह लगभग 9 बजे धुआंधार में कुमकुम और अन्य सामान की दुकान लगाने वाली महिला ने आरक्षक हरिओम को सूचना दी कि एक महिला तेजी से धुआंधार की ओर बढ़ रही है। यह सूचना मिलते ही आरक्षक तत्काल वहां पहुंचे और उसके पास जाते हुए उससे पूछताछ करने लगे। महिला ने आरक्षक को कुछ नहीं बताया और दौड़ते हुए धुआंधार की ओर जाने लगी। उसका इरादा भांपकर आरक्षक ने वहां दुकान लगाने वाली महिलाओं की मदद से उस महिला को रोका। जिसपर महिला रोने लगी और उसने बताया कि वह आत्महत्या (Suicide) करने आई है। वह निवास की रहने वाली है और उसका विवाह बरेला में हुआ है। उसका पति उसके साथ मारपीट करता है और खर्च के लिए रुपए भी नहीं देता। महिला की उम्र 19 वर्ष थी। जिसके बाद उसके पति को थाने बुलाकर हिदायत देकर उसके साथ महिला को भिजवाया।
पति परेशान होकर लगाई छलांग
शनिवार की दोपहर लगभग 1 बजे एक अन्य महिला धुआंधार के व्यू पॉइंट पर पहुंची। जब तक कोई कुछ समझ पाता महिला ने नदी में छलांग लगा दी। जिस पर मौके पर ड्यूटी कर रहे आरक्षक हरिओम ने गोताखोर मुबीन और पंची को रस्सी लेकर नदी में छलांग लगवाई और महिला को बचाने का प्रयास शुरू किया। महिला डूब कर गहराई में चली गई थी। जिसके बाद महिला को ऊपर लेकर आए और उसे बाहर निकालने के लिए उसकी कमर में रस्सी बांधकर ऊपर से खींचकर किनारे लाए। महिला ने पूछताछ में बताया कि उसका पति प्रताड़ित करता है। महिला के बहन और पिता को थाने बुलाकर उनके सुपुर्द किया गया।