इंदौर। गांधी नगर पुलिस थाने में 22 वर्षीय दलित युवक संजू टिपानिया की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने सीबीआई जांच की मांग की है। उनका दावा है कि थाने में दलित युवक को अमानवीय प्रताड़नाएं दी गईं जबकि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है।
लिखा कमलनाथ को पत्र
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखकर कहा है कि उनके संज्ञान में यह बात आई है कि संजू नामक दलित युवक को पुलिस ने प्रताड़ित किया जबकि वह अपने बेकसूर होने का दावा कर रहा था। पुलिस ने प्लायर से उसके नाखून नोंच लिए, हथौड़े से उसके घुटनों पर चोट की, इसके बाद भी पुलिस नहीं रुकी और उसे बिजली के झटके तक दिए गए।
बेहोश हुआ तो पानी डाल कर जगाया
गहलोत ने लिखा कि जब बिजली के झटके लगने के कारण वह बेहोश हो गया तो उसे पानी डाल कर होश में लाया गया और दोबारा उसे तब तक प्रताड़ित किया गया जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। उसको पीने का पानी मांगने पर भी नहीं दिया गया। तीन घंटे तक लगातार प्रताड़ना झेलने के बाद उसकी मौत हो गई। इस दौरान जब उसकी मां ने पुलिस थाने में संपर्क किया तो उसके साथ भी मारपीट की गई और धक्का दिया गया जिससे उसके हाथ-पैर की हड्डी टूट गई।
भाई को भी पीटा
गहलोत ने बताया कि युवक के भाई को भी पुलिस ने ग्रामीणों के सामने पीटा जिससे वह घायल हो गया। उन्होंने लिखा कि मैं इस मुद्दे को गंभीर मानता हूं और आशा करता हूं कि आप मामले की सीबीआई जांच का आदेश देंगे।
थाना प्रभारी और चार कांस्टेबल निलंबित
मामले में पुलिस अधीक्षक सूरज वर्मा ने कहा कि संजू को पास के ही एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया था जहां उसको बचाया नहीं जा सका। मामले की गंभीरता को देखते हुए गांधी नगर पुलिस थाना प्रभारी नीता देयारवाल और चार कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया गया है।