ग्वालियर। देशभर में करोड़ों लोगों की आस्था के केन्द्र साईं बाबा (Sai Baba) के ग्वालियर में भी लाखों भक्त हैं। ग्वालियर में विकास नगर स्थित साईं बाबा मंदिर (Sai Baba Temple) में बाबा को भोग लगाने वाले भक्तों की लम्बी कतार लगी है। यहां पर बाबा को भोग लगाने के लिए भक्त आज बुकिंग कराएंगे तो उनका नम्बर अप्रैल 2022 में आएगा। गर्मी का मौसम आते ही बाबा के खाने का मेन्यू भी बदल दिया गया है। बाबा को अब खाने के साथ कैरी का पना, मठा, सहित शीतल पदार्थ और ताजी व ठंडी सब्जी का भोग लगाया जा रहा है। साथ ही बाबा के कपड़ों को भी गर्मी के हिसाब से बदल दिया गया है।
विकास नगर में सांई बाबा का मंदिर है। ग्वालियर जिले में संभवतः यह साईं बाबा का सबसे बड़ा मंदिर है। यहां पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त माथा टेकने और अर्जी लगाने के लिए बाबा के दरबार में आते हैं। बाबा को भक्त भोग भी लगाते हैं। भक्तों की ओर से बाबा को सुबह और शाम का भोग लगाया जाता है। भोग के लिए साईं बाबा मंदिर में लम्बी वेटिंग चल रही है। वेटिंग के चार्ट के हिसाब से मार्च 2022 तक पूरी तरह से बुकिंग हो चुकी हैं। भक्तों ने बाबा के भोग के लिए रसीदें भी कटा ली हैं। वहीं गर्मी का मौसम आते ही बाबा के खाने के मेन्यू में भी बदलाव कर दिया गया है। बाबा को अब ठंडा व शीतल पेय पदार्थो का भोग भी खाने के साथ लगाया जाने लगा है। साथ ही बाबा के भोग में अब मौसमी सब्जियों को सबसे अधिक स्थान दिया जा रहा है।
शुक्रवार को लगा लस्सी का भोग
शुक्रवार को बाबा को शीतल पेय (cold drink) पदार्थो में लस्सी का भोग लगाया गया। वहीं प्रतिदिन बाबा को शीतल पदार्थो में कैरी पना, नीबू पानी, शर्बत, आम का रस, मौसम्बी का रस, मठा आदि दिया जा रहा है।
मौसम के हिसाब से बाबा पहनते हैं कपड़े
मौसम के हिसाब से बाबा के पहनने वाले कपड़ों में भी बदलाव किया गया है। बाबा को अब सूती कपड़े पहनाएं जा रहे हैं। साथ ही सभी भक्तों को भी सूचित कर दिया गया हैं कि वह बाबा को सूती कपड़े ही गर्मियों में अर्पित करें।
बाबा की रसोई से भक्त को जाता है प्रसाद
बाबा का भोग मंदिर परिसर में बनी रसोई में ही तैयार किया जाता है। बाबा को भोग लगने के बाद एक टिफिन उस भक्त के घर भेजा जाता है। जिसके नाम से बाबा को भोग लगाया जाता है। टिफिन में परिवार के चार लोगों के हिसाब से खाना भेजा जाता है।
वर्जन
मौसम के हिसाब से बाबा के भोग में बदलाव किया जाता है। अभी गर्मियों का मौसम चल रहा है। इसलिए बाबा को शीतल पदाथार्े का भोग लगाया जा रहा है। साथ ही बाबा को कपड़े भी अब सूती पहनाए जा रहे हैं।