भोपाल। तय प्लान के अनुसार बड़े तालाब से नियमित रूप से लिए जा रहे 30 एमजीडी पानी को घटाकर पहले सर्दी के मौसम में 15 एमजीडी और मई-जून में 10 एमजीडी तक किया जाना था, लेकिन आज भी यहां से 20 एमजीडी पानी लिया जा रहा है। दस दिन बाद जब तालाब का स्तर अपने डेड स्टोरेज 1652 फीट पर पहुंच जाएगा। इसके बाद तमाम प्रयास करके भी निगम 12 एमजीडी (5 करोड़ 40 लाख लीटर) पानी ही ले पाएगा। इन हालातों में जून में बड़े तालाब से पानी सप्लाई होना मुश्किल है, क्योंकि मानसून भी इस बार देरी से आएगा।
ये क्षेत्र होंगे प्रभावित
2009 में तालाब के सूखने पर निगम ने डेड स्टोरेज से 2 फीट और नीचे 1650 फीट तक पानी लेने पाइप बढ़ा रखे हैं, लेकिन सारे प्रयास के बावजूद 4 करोड़ 20 लाख लीटर पानी ही ले पाएगा। यानि तालाब से सप्लाई वाले इलाकों में संकट तय है। ईदगाह, शाहजहांनाबाद और बैरागढ़ के लिए बड़े तालाब के अलावा पानी सप्लाई का कोई और विकल्प नहीं है। मौजूदा स्थिति में भी इन क्षेत्रों में एक दिन छोड़कर ही पानी सप्लाई हो रहा है। ऐसे में और अधिक कटौती संभव नहीं दिखती।
कागज पर बना प्लान धरातल पर उतारना हर बार संभव नहीं
संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव रोज पानी सप्लाई की जानकारी ले रहीं हैं। वे हर सोमवार को निगम अफसरों के साथ समीक्षा कर रहीं हैं। पीएस संजय दुबे भी अफसरों को सप्लाई का प्रबंधन दुरुस्त करने को कहते रहे हैं, पर हल नहीं निकल रहा।
गंदा पानी सप्लाई की शिकायतें
बड़े तालाब का जलस्तर कम होने के साथ ही गंदा पानी सप्लाई की शिकायतें मिलना शुरू हो गईं हैं। वार्ड क्रमांक 20 के पार्षद संजीव गुप्ता ने बताया कि इन दिनों मारवाड़ी रोड पर गंदा पानी आ रहा है।