अपूर्वा तो घर छोड़ चुकी थी, रोहित ने वापस बुलाया: मां मंजुला ने बताया | INDORE MP NEWS

Bhopal Samachar
इंदौर। डीएनए टैस्ट के बाद प्रमाणित हुए एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हत्या के मामले में अपूर्वा शुक्ला तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कोर्ट में एडमिट किया है कि विवाद के दौरान रोहित का गला दब गया और उसकी मौत हो गई। यानी यह एक हादसा है। अपूर्वा की सास उज्जवला लगातार अपूर्वा पर कई गंभीर आरोप लगा रहीं हैं। अब अपूर्वा की मां मंजुला शुक्ला ने अपूर्वा का दर्द बयां किया है। 

अपूर्वा की मां मंजुला शुक्ला बतातीं हैं कि एनडी तिवारी जी की तबीयत खराब रहने लगी तो सबको लगा कि उनकी प्राकृतिक रूप से तबीयत खराब हैै, जबकि सच तो यह था कि रोहित ही उनसे खराब व्यवहार करता था। उन पर जोर-जोर से चिल्लाता था। वह सीरियस हुए तो फिर रोहित और उनकी मां उज्ज्वला ने शादी की बात टाल दी। हमने उनसे कहा कि सबको शादी के बारे में पता चल चुका है। बदनामी होगी, लेकिन उनके मन में कुछ और ही चल रहा था। दिसंबर 2017 से लेकर 11 मार्च 2018 तक कम से कम 10 बार वो लोग शादी की बात टाल चुके थे। हमने शादी के पहले सगाई में अपूर्वा को लाख रुपए, रोहित को 51 हजार, अंगूठी, चेन वगैरह सब दी थी। शादी के बाद भी हम गृहस्थी का सारा सामान देने वाले थे, लेकिन उज्ज्वला ने कहा कि मेरी एक एफडी पकने वाली है। तब तक मुझे 10 लाख रुपए आप दे दो, लेकिन रोहित को मत बताना। रोहित चाहता है कि शादी यादगार हो। मैंने यह बात अपूर्वा को बताई और तीन लाख रुपए उज्ज्वला को दिए भी, लेकिन पूरे पैसे नहीं मिलने पर उनका व्यवहार हमारे लिए बदल गया।

शादी वाले दिन उन्होंने हमको मोबाइल लगाकर कहा कि अब आप लोग ही शादी करवा लेना। मैं नहीं आ रही हूं। मैंने उनसे माफी मांगी, हाथ जोड़े कि हम दिल्ली में अकेले हैं। आप के बिना शादी कैसे होगी। तब वह शादी में आईं। मेहंदी वाले दिन पूर्व लोकसभा स्पीकर मीराकुमार आईं थीं। अपूर्वा को मेहंदी लग रही थी। इस वजह से वह देरी से बाहर आईं। मीरा कुमार के रहने तक उज्ज्वला  ने अच्छा व्यवहार किया, लेकिन जैसे ही वह गईं तो उज्ज्वला नौकरों के सामने ही अपूर्वा को चिल्लाने लगीं। बोलीं- तुम्हें किस बात का घमंड है। तुम सब छोड़कर बाहर क्यों नहीं आई। अपूर्वा ने कहा- मुझे पता नहीं था, उनके बारे में। मसूरी में रोहित ने इतनी शराब पी ली थी कि वह गाड़ी से उतरकर खाई में आत्महत्या करने जा रहा था। अपूर्वा, रोहित के साथ तीन लड़कियां और थीं। उन्होंने रोहित को समझा-बुझाकर गाड़ी में बैठाया। रोहित अपूर्वा से ज्यादा ही झगड़ने लगा तो मैं भी दिल्ली गई। वहां उज्ज्वला का एकदम रूप ही बदल गया। उसने कहा कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे घर में कदम रखने की। मैं अगले ही पल घर से बाहर हो गई।

अपूर्वा इतनी तंग आ गई थी कि वह घर में रखा अपना सामान लेकर कहीं और रहना चाह रही थी। हम वही सामान लेने घर गए थे। घर पर पुलिस दिखी तो उज्ज्वला एकदम डर गई। सुर बदल गए। लेकिन मैं बेटी को लेकर इंदौर आ गई। इस बीच रोहित का फोन आया कि मेरा ऑपरेशन हुआ है। तुम वापस आ जाओ। अपूर्वा का दिल पसीज गया और वह दिल्ली चली गई, लेकिन वहां जाने पर रोहित और उज्ज्वला फिर उससे छोटी-छोटी बात पर लड़ने लगेे। 

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