मध्यप्रदेश/रतलाम। विक्रम संवत जिसे हिंदू वर्ष भी कहा जाता है के वर्ष 2076 के लिए गोठड़ा माताजी की भविष्यवाणी (GOTHDA MATAJI KI BHAVISHYAVANI) सामने आ गई है। यह भविष्यवाणी हर वर्ष इसी तरह की जाती है और रतलाम व आसपास के लाखों लोगों का मानना है कि यह पूरी तरह से सटीक बैठती है। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के जावरा से करीब 17 किमी दूर ग्राम गोठड़ा में श्री महिषासुर मर्दनी गोठड़ा वाली माताजी के पंडाजी नागूलाल चौधरी ने रविवार दोपहर मलेनी नदी के तट पर हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में वार्षिक भविष्यवाणी की।
उन्होंने कहा कि वर्षा अच्छी होगी, जेठ में भारी दुमड़ा (बारिश) गिरेगा। इसमें कई जगह बोवनी होगी। आधा आषाढ़ में दूसरी और उतरता आषाढ़ में तीसरी बोवनी होगी। आधा सावन कोरा (सूखा) और आधा सावन से भादवा माह तक भारी वर्षा होगी। कुंवार माह में भी वर्षा होगी। इससे कुएं-बावड़ी भर जाएंगे। आलोवृष्टि से फसलों को नुकसान भी होगा। हालांकि उत्पादन खूब होगा। देश मे दंगा-फसाद चलेगा, साथ ही मावठा भी गिरेगा।
गोठड़ा माताजी की भविष्यवाणी वर्षभर में एक बार चैत्र सुदी नवमी को होती है। 42 डिग्री तापमान के बीच सुनने के लिए कई प्रदेशों के हजारों लोग आए और माताजी के दर्शन-वंदन कर भूमि जोतने का शुभ मुहूर्त लिया। भविष्यवाणी से पहले पं. कपिल पौराणिक के सान्निध्य में नौ चंडीय पंच कुंडीय महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई। बाद में माताजी के दरबार से वाड़ी (ज्वारा) का चल समारोह ढोल-ढमाकों के साथ निकला, जो मलेनी नदी तट पहुंचा। नदी में ज्वारे विसर्जित किए गए। यहां पंडाजी नागूलाल ने वर्ष के घटनाक्रमों की भविष्यवाणी की गई।
जमीन जोतने का मुहूर्त | JAMEEN JOTNE KA MUHURTA
चैत्र सुदी 13 बुधवार को प्रात: 6 से 9 बजे के बीच बैलों की पूजन कर जमीन जोतने का मुहूर्त पश्चिम से पूर्व में चलाकर नेर उत्तर दिशा की ओर निकालने का दिया। माताजी ने ट्रैक्टरों से मुहूर्त हंकाई नहीं करने का आह्वान किया। गौसेवा करने का आह्वान किया। अगर आपने गोसेवा नहीं की तो गायों की तरह आपकी औलाद वृद्धाश्रम अथवा घर से बेघर कर देगी। इधर, मलेनी नदी में 41 डिग्री तापमान के बीच पीने के पानी की व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं थी।
104 साल से हो रही भविष्यवाणी
गोठड़ा माताजी की भविष्यवाणी मलेनी नदी तट पर 104 वर्ष पूर्व शिवलिंग चबूतरे से कुंवार की नवरात्र में सर्वप्रथम दोला गायरी के माध्यम से प्रारंभ हुई। बाद में पंडा लक्ष्या गायरी के माध्यम होती रही। पंडा पूना गायरी के समय से माताजी की भविष्यवाणी चैत्र माह में प्रारंभ हुई।
किंवदंती है कि इसके बाद पंडा नागूजी तारोद के शरीर में माताजी प्रकट हुई और भविष्यवाणी सुनने वालों का तांता लगने लगा। रामचंद्र गायरी के माध्यम से भविष्यवाणी इलेक्ट्रिक मीडिया के माध्यम से विख्यात होती रही। वर्तमान में पंडा नागूलाल बाल्यावस्था से ही माताजी की सेवा कर रहे हैं। वे तीन वर्ष पूर्व से माताजी की भविष्यवाणी कर रहे हैं। सभी पंडे ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं।
ये भविष्यवाणी भी की
- खरीफ में सोयाबीन, मक्का, जुवार, उड़द सहित सभी फसलें जोरदार होंगी।
- सोयाबीन में इल्ली की शिकायत खूब होगी।
- काली जिंसों के भाव बढ़ेंगे।
- प्रदेश में हेरा-फेरी हो सकती है।
- रबी की गेहूं, चने और लहसुन की फसल अच्छी होगी।
- सोना-चांदी के भावों में आंशिक तेजी-मंदी होगी।
- लाल चीजों के भाव बढ़ेंगे।
- सोयाबीन, गेहूं, चना, लहसुन के भावों में रॉकेटी तेजी रहेगी।
- दुर्घटनाएं अधिक होंगी।
- बीमारियों को दौर भी रहेगा।