भोपाल। कमलनाथ सरकार के जनजातीय मंत्री ओमकार सिंह मरकाम पर आरोप है कि उन्होंने पद और शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए रात के अंधेरे में शहडोल कलेक्टर ललित दाहिमा सहित लगभग सभी जिला स्तरीय अधिकारियों की एक मीटिंग को संबोधित किया। यह मीटिंग रात करीब 9 बजे शुरू हुई। मीटिंग 1 घंटा चली। जिले के लगभग सभी अधिकारी मीटिंग में उपस्थित थे। जबकि चुनाव आचार संहिता के तहत इस तरह की मीटिंग नहीं हो सकती थी।
इस मीटिंग के बाद भाजपा भी भड़क गई है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि 20 अप्रैल की रात्रि कलेक्टर शहडोल की उपस्थिति मे प्रभारी मंत्री ओंमकार मरकाम की अधिकारियों से घंटो चली बैठक की खबर स्थानीय मीडिया को लगने के बाद पत्रकारों ने कलेक्टर ललित दाहिमा के कार्यालय मे जाने की कोशिश की तो सुरक्षा कर्मियों ने उन्हे रोक दिया। कुछ समय बाद पत्रकारों के कैमरे ने प्रभारी मंत्री को कलेक्टर के कमरे से निकलते देखा। पत्रकारों ने देर रात कलेक्टर व अधिकारियों से उनकी गोपनीय बैठक पर सवाल उठाए तो मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी के आगमन को लेकर कलेक्टर से अनुमति के लिये गये थे। सवाल किया गया कि अनुमति एसडीएम देते हैं, यह कोई स्थानीय कार्यकर्ता कर सकता था, डिण्डोरी से आकर कलेक्टर के साथ बैठक की जरुरत क्या थी। इसपर मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया।
भाजपा ने शिकायती पत्र सौंप कर निर्वाचन आयोग से मांग की है कि आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन करने वाले कलेक्टर शहडोल ललित दाहिमा को तत्काल जिले से हटाया जाए तथा मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध किया जाए.