BHOPAL POLICE ने CAR में जिंदा जल रहे इंजीनियर को बचाया | MP NEWS

भोपाल। भोपाल पुलिस के माथे पर यदि बलात्कार पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज ना करने का कलंक है तो सिर पर संवेदनशीलता का एक मुकुट भी लग गया है। जिस भोपाल पुलिस पर रिश्वतखोरी के खुले आरोप लगते हैं आज वही भोपाल पुलिस एक आईटी इंजीनियर भूषण मोहड़कर (BHUSHAN MOHADKAR BHOPAL IT ENGINEER) के लिए देवदूत साबित हुई। भूषण मोहड़कर आसाराम चौराहा पर एक हादसे का शिकार हो गए थे। वो कार में बंद थे और जिंदा जल रहे थे। हवलदार मोहन सोलंकी और सिपाही रामबाबू (HEAD CONSTABLE MOHAN SOLANKI and CONSTABLE RAMBABU) ने उन्हे बचाया। कार का कांच फोड़कर बाहर निकाला। 

पार्टी से लौट रहे थे भूषण मोहड़कर

तड़के करीब पांच बजे ये हादसा अयोध्या नगर निवासी 22 वर्षीय भूषण मोहड़कर के साथ हुआ। भूषण आईटी इंजीनियर हैं। गांधी नगर पुलिस के मुताबिक रविवार रात भूषण दोस्तों के साथ पार्टी में गए थे। एक दोस्त को गांधी नगर इलाके में कार से ड्रॉप कर वे अकेले घर लौट रहे थे। संत आसाराम चौराहे पर अचानक अनियंत्रित हुई उनकी तेज रफ्तार कार डिवाइडर से जा टकराई। निर्धारित स्थान पर कसा हुआ इंजन थोड़ा पीछे खिसका और इसमें आग लग गई।

सेंट्रल लॉक जाम हुआ, भूषण मोहड़कर अंदर फंस गए

आग और धुएं के कारण कार का सेंट्रल लॉक जाम हो गया। भूषण चाहकर भी बाहर नहीं निकल पा रहे थे। तभी गांधी नगर थाने के हवलदार मोहन सोलंकी और सिपाही रामबाबू एफआरवी लेकर यहां पहुंच गए। फायर ब्रिगेड को सूचना देकर दोनों ने जलती हुई कार के कांच फोड़ने शुरू कर दिए। फिर भूषण को बाहर निकाल लिया। 

भूषण मोहड़कर को नींद का झोंका आया और हादसा हो गया

हवलदार मोहन सोलंकी ने अंदाजा लगाया है कि भूषण को नींद का झोंका लगा होगा। इस वजह से कार अनियंत्रित हो गई। जब हम यहां पहुंचे तो उसमें धुएं के साथ चिंगारियां निकल रही थी। इस हादसे के बाद कार का केवल ढांचा ही बचा है, क्योंकि कार पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी। भूषण को भी चोट आई है, उनका एक निजी अस्पताल में इलाज जारी है। 

कार से बीस फीट ऊपर तक उठ रही थीं लपटें 

भोजपुरी एकता मंच, भोपाल के अध्यक्ष कुंवर प्रसाद ने बताया कि उस वक्त वे घर से अपनी होटल पर जा रहे थे। तभी पुलिसकर्मी भूषण को कार से बाहर निकाल रहे थे। स्टाफ ने जैसे ही भूषण को बाहर निकाला, कार में एक धमाका हुआ और वह धूं-धूं कर जल उठी। आग की लपटें बीस फीट ऊपर तक उठने लगीं। यदि पुलिसकर्मी कुछ सेकंड देर से पहुंचते तो बड़ा हादसा हो जाता। 

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