भोपाल। भोपाल के प्लेटिनम प्लाजा के टाइकून अश्विन शर्मा जिसे प्रवीण कक्कड़ का एसोसिएट बताया जा रहा है, ने दिग्विजय सिंह शासनकाल में ही इस राह पर चलना शुरू कर दिया था। शिवराज सिंह शासनकाल में वो काफी फला-फूला और कमलनाथ शासनकाल में तो जैसे लॉटरी ही लग गई थी।
19 साल पहले डीटीपी की दुकान चलाना था अश्विन शर्मा
अश्विन शर्मा ने 19 साल पहले वर्ष 2000 में हर्षवर्धन नगर में डीटीपी दुकान से अपना काराेबार शुरू किया था। अश्विन के पिता डॉ. चंद्रहास शुक्ला जेपी अस्पताल से शिशु राेग विशेषज्ञ के पद से वर्ष 2000 में रिटायर हुए। इसके बाद उन्हाेंने हर्षवर्धन नगर में मकान खरीदा था। मकान में शिफ्टिंग के बाद डाॅक्टर पिता ने अश्विन काे छाेटी सी दुकान में डीटीपी सेंटर खुलवाया था।
काम में मन नहीं लगा, नेताओं से दोस्ती करने लगा
अश्विन शर्मा को डीटीपी की छोटी सी दुकान चलाना मंजूर नहीं था। उसके सपने कुछ और ही थे। उसने भोपाल के प्रभावशाली नेताओं और अफसरों से दोस्ती गांठना शुरू किया। अश्विन ने उनके सामने खुद काे रसूखदार दिखाया। लाेग उसे वीआईपी ट्रीटमेंट दें, इसके लिए प्राइवेट गनमैन भी रखा। अफसरों की सलाह पर उसने कृषि, हेल्थ, पंचायती राज सहित दूसरे सेक्टर में काम करने के लिए एक एनजीओ रजिस्टर्ड करा लिया।
एनजीओ से कमाई शुरू हुई और नौकरशाही में दखल बढ़ गया
इस एनजीओ की शुरुआत के बाद अश्विन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। तब से अब तक सरकार किसी भी पार्टी की रही हाे, अश्विन काे सरकार से एनजीओ के लिए न सिर्फ भरपूर फंड मिला, बल्कि नेताओं के संपर्क से अफसराें के तबादले भी कराए। इतना ही नहीं ब्यूराेक्रेट्स और राजनेताओं से हुई दाेस्ती के सहारे अपने चहेताें काे फायदा पहुंचाया।
लग्जरी गाड़ियां नेताओं और अफसराें को घुमाने के लिए खरीदी
अश्विन के बचपन के दाेस्ताें ने बताया कि उसे लग्जरी गाड़ियां खरीदने का शाैक है। इन गाड़ियाें में वह खुद कम घूमा, लेकिन नेताओं और अफसराें काे इन गाड़ियाें से खूब सैर कराई। नतीजा यह हुआ कि नेताओं और अधिकारियों से उसके संबंध और मजबूत हो गए।
कमलनाथ की तबादला एक्सप्रेस का ड्राइवर बन गया
अश्विन शर्मा की पहुंच और पकड़ तो लगातार बढ़ती ही जा रही थी। 2018 में जब मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ तो प्रवीण कक्कड़ का एसोसिएट होने का पूरा फायदा मिला। सूत्रों का कहना है कि नौकरशाहों को कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर उनके पद से हटाया गया परंतु कई पोस्टिंग अश्विन शर्मा के माध्यम से हुईं।