राजगढ़। विशेष न्यायाधीश संजय श्रीवास्तव ने दिनेश शर्मा (अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता - एजीपी) | DINESH SHARMA (ADDITIONAL GOVERNMENT PLEADER- AGP) के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार (CORRUPTION - BRIBERY) के मामले में उन्हे दोषी पाते हुए 4 साल के जेल की सजा सुनाई है। सरकारी वकील पर आरोप था कि उन्होंने बलात्कार के आरोपी को बरी कराने का वादा करते हुए आरोपी की मां से 5 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। लोकायुक्त की छापामार कार्रवाई में उन्हे पकड़ा गया था।
लोक अभियोजक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि 13 नवंबर 2014 को लोकायुक्त के सामने फरियादी धापूबाई ने शिकायत की थी। इसमें धापूबाई ने बताया कि उसका लड़का रामबाबू उर्फ बाबू का ज्यादती का केस सेशन न्यायालय नरसिंहगढ़ में चल रहा है। उस केस में सरकारी वकील दिनेश शर्मा एजीपी (अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता) है जो उससे केस में बरी कराने के बदले रिश्वत मांगी। उन्होने पांच हजार की रिश्वत के बदले बरी होने की बात कहते हुए पर्ची पर पेशी की तारीख और पैसे लिखकर दिए हैं।
महिला ने सरकारी वकील को ट्रैप कराया
शिकायत कर्ता महिला दिनेश शर्मा को रिश्वत देते हुए ट्रैप करवाना चाहती है। इस पर लोकायुक्त पुलिस भोपाल ने आरोपी वकील को रिश्वत लेते हुए पकड़कर प्रकरण न्यायालय में पेश किया था। जहां आरेापी वकील को विशेष न्यायाधीश संजय श्रीवास्तव ने मंगलवार को रिश्वत मांगने और लेने पर चार साल की सजा के साथ ही पांच हजार के अर्थदंड से दंडित किया है।
वकील को पकड़ने लोकायुक्त ने ऐसे बिछाया था जाल
पीड़िता धापूबाई की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने नोट पर फिनाफ्थलीन पाउडर लगाकर धापूबाई को रिश्वत राशि देते समय की वार्तालाप रिकार्ड करने के लिए एक डीवीआर भी दिया। इसके लिए लोकायुक्त पुलिस ने एक ट्रेप दल का गठन भी किया। जिसने आरोपी दिनेश शर्मा को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। इस दौरान आरोपी दिनेश शर्मा की उंगलियो को सोडियम कार्बोनेट के घोल में धुलवाने पर रंग गुलाबी आने पर उसे मौके पर ही गिरफ्तार करते हुए रिश्वत की राशि बरामद की। इसके बाद प्रकरण की सुनवाई के लिए न्यायालय में चालान पेश किया।