भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा में गुटबाजी चरम पर है। टिकट के बंटवारे में कुछ नेताओं ने हाईकमान तक अपनी पकड़ साबित की तो दूसरे नेता इस कदर नाराज हैं कि वो कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। कांग्रेस भी उन्हे टिकट थमा सकती है। ऐसी स्थिति में भाजपा की हालत चिंताजनक भी हो सकती है। संभावित बागियों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा का नाम भी है। बता दें कि अटलजी की भतीजी करुणा शुक्ला ने 2014 से पहले ही कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।
बीजेपी के नेता कमलनाथ के संपर्क में
सोमवार को ऐसी चर्चा थी कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में मंत्री रह चुके अनूप मिश्रा मुरैना लोकसभा सीट से टिकट न मिलने के चलते बीजेपी छोड़ सकते हैं। इसके अलावा पांच बार के सांसद और मुरैना के महापौर अशोक अर्गल के भी बीजेपी छोड़ने की चर्चा है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि कुछ बीजेपी नेता मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस मध्य कमांड के संपर्क में हैं।
अनूप मिश्रा नाराज हैं, उनकी सीट नरेंद्र सिंह को दे दी
अनूप मिश्रा 2014 में मुरैना सीट से सांसद चुने जा चुके हैं लेकिन इस बार बीजेपी ने उनकी जगह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को टिकट दिया है। 2014 में मोदी लहर के बावजूद तोमर ग्वालियर में महज 29 हजार वोटों से ही जीत दर्ज कर पाए थे। इस बार बीजेपी ने तोमर को मुरैना से टिकट दिया है लेकिन इससे ग्वालियर-चंबल डिविजन के पार्टी नेता बेहद नाराज हैं।
बीजेपी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा से भटक चुकी है: अशोक अर्गल
वहीं अशोक अर्गल 1996 से 2004 तक लगातार चार बार सांसद रह चुके हैं। परिसीमन के बाद भिंड एससी आरक्षित सीट बन गई और अशोक मुरैना से शिफ्ट हो गए। उन्होंने 2009 में भिंड से जीत हासिल कर चुके हैं लेकिन 2014 में उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था। इस बार बीजेपी ने भिंड से संध्या राय को टिकट दिया है, जिससे वह काफी नाराज हैं। अशोक अर्गल ने बताया, 'बीजेपी कार्यालय में नेताओं के पास कार्यकर्ताओं की बात सुनने के लिए एक मिनट भी नहीं है। बीजेपी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा से भटक चुकी है और मैं इससे बेहद आहत हूं।' वहीं कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने कहा, 'मैं जो भी ऐक्शन लूंगा, समय के साथ पता लग जाएगा।'
पिछले चुनाव में अटलजी की भतीजी ने कांग्रेस ज्वाइन की थी
बता दें कि अक्टूबर 2013 में लोकसभा चुनाव से पहले ही अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला ने बीजेपी छोड़कर चार महीने बाद कांग्रेस का हाथ थामा था। उन्होंने तब कहा था कि बीजेपी की चाल, चरित्र और चेहरा सब बदल चुका है। नवंबर 2018 में कांग्रेस ने उन्हें छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ उतारा था। दोनों के बीच दिलचस्प मुकाबला हुआ और करुणा महज 17 हजार वोटों से हार गई।