INDORE को मिलेगी TRAIN-18, BHOPAL चलेगी या DELHI तय नहीं

इंदौर। भारत की पहली बिना इंजन वाली हाईस्पीड ट्रेन जिसे वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन18) नाम दिया गया है, इंदौर-भोपाल के बीच दौड़ेगी। रेल विभाग की तैयारियां कर रहा है। भारत में कुल 30 ट्रेनें बन रहीं हैं, जिनमें से 2 मध्यप्रदेश को मिलेंगी। पहली ट्रेन ग्वालियर-दिल्ली या भोपाल-दिल्ली होगी जबकि दूसरी ट्रेन इंदौर से चलेगी। यह इंदौर-भोपाल, इंदौर-दिल्ली या इंदौर-सूरत के बीच चल सकती है। 

रेल मंत्रालय ने पहली वंदे भारत एक्सप्रेस के सफल संचालन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुमति से इस तरह के 30 ट्रेन सेट बनाने का ऑर्डर चेन्नाई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी को दिया है। जैसे-जैसे सेट बनते जाएंगे, रेल मंत्रालय उन्हें अलग-अलग रूट पर चलाता जाएगा। रेलवे की योजना है कि देश की इस पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन को ऐसे मुख्य मार्गों पर चलाया जाए, जहां यात्रियों की आवाजाही अधिक संख्या में है। फिलहाल मध्यप्रदेश में तो इंदौर-भोपाल और दिल्ली-ग्वालियर रूट ही चिह्नित किए गए हैं, लेकिन भविष्य में इसमें और नए मार्ग जोड़े जा सकते हैं।

देखना यह होगा कि रेलवे इंदौर-भोपाल रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का फैसला लेता है तो इसका टाइम टेबल और किराया क्या होगा? ट्रेन की खासियत है कि इसमें इंजन नहीं होता और यह देश की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है। इसके सभी कोच एसी चेयरकार के हैं और इसका किराया शताब्दी एक्सप्रेस की तुलना में 40 से 50 प्रतिशत तक ज्यादा है।

बंद हो चुकी है एसी डबल डेकर ट्रेन
इससे पहले रेलवे इंदौर-भोपाल के बीच एसी डबल डेकर ट्रेन चलाने का प्रयोग कर चुका है लेकिन अत्यधिक किराए और केवल एसी श्रेणी के कोच के कारण यह ट्रेन सफल नहीं हो पाई। डबल डेकर ट्रेन सितंबर-13 में शुरू की गई लेकिन यात्री नहीं मिलने के कारण दिसंबर-15 में इसे बंद कर दिया गया। इसके विपरीत इस रूट पर चल रही इंदौर-भोपाल इंटरसिटी एक्सप्रेस और इंदौर-भोपाल रात्रिकालीन पैसेंजर ट्रेन को रोज अच्छी संख्या में यात्री मिलते हैं। पिछले साल भोपाल रेल मंडल ने इंदौरभोपाल के बीच नॉन स्टॉप इंटरसिटी ट्रेन चलाने का फैसला लिया था लेकिन रेलवे बोर्ड ने इसे मंजूरी नहीं दी।

पटरियां नहीं हैं वंदे भारत एक्सप्रेस के लायक
रेलवे मामलों के वरिष्ठ जानकार नागेश नामजोशी का तर्क है कि वंदे भारत ट्रेन की स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है जबकि इंदौर-भोपाल के बीच बिछी पटरियों की क्षमता इतनी नहीं है। यदि ट्रेन की गति कम करके चलाया जाता है तो फिर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का क्या मतलब रहेगा? इससे बेहतर है कि इस रूट पर सामान्य सुपरफास्ट ट्रेन चलाई जाए। वैसे भी इंदौर-भोपाल के बीच डबल डेकर ट्रेन का प्रयोग असफल हो चुका है। इससे बेहतर होगा कि इंदौर से दिल्ली या इंदौर से सूरत जैसे रूट पर यह ट्रेन चलाई जाए।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !