ZERO FIGURE के लिए लड़की धागा खाती थी, पेट से 3 फीट लम्बी रस्सी निकली | HEALTH NEWS

इंदौर। अपनी फिटनेस ( FITNESS ) पर हर कोई ध्यान देता है। मोटापा और ज्यादा वजन ( Obesity and overweight ) से बचने के लिए लोग डाइटिंग करते हैं। जमा फेट को खत्म करने के लिए व्यायाम ( Exercise ) करते हैं परंतु कुछ लोग ऐसे भी हैं जो डाइट चार्ट ( Diet charts ) का पालन नहीं करते बल्कि पागलपन शुरू कर देते हैं। जीरो फिगर की चाहत में एक लड़की ने ऐसा ही कुछ किया और परिणाम यह हुआ कि उसे अस्पताल में दाखिल करना पड़ा, ऑपरेशन हुआ तो उसके पेट से 3 फीट लम्बी रस्सी निकली। 

15 साल की लड़की ने जीरो फिगर की चाहत और मोटापे व ज्यादा वजन से बचने के लिए भोजन करना ही छोड़ दिया। जब भूख सताने लगी तो वह भूख को दबाने के लिए धागे और चादर के टुकडे खाने लगी। गुरुवार को अस्पताल में डॉक्टरों ने सर्जरी कर किशोरी की आंतों से धागे निकाले। इन धागों के टुकडों के इकट्ठा होने पर करीब साढ़े तीन फीट लंबी रस्सी बन गई। डॉक्टरों के मुताबिक यह अपनी तरह का पहला मामला है। किशोरी ने भी स्वीकारा कि वजन बढने के डर से ही वह कम खाना खाती थी। उसने पानी पीना भी कम कर दिया था।

15 वर्षीय यह किशोरी पेट दर्द, उल्टियां और पेट फूलने की शिकायत के साथ MYH पहुंची थी। परिजन ने उसे सर्जरी विभाग में डॉ.मनीष कौशल और डॉ.अरविंद शुक्ला को दिखाया। किशोरी का ऑपरेशन करने वाली टीम में शामिल डॉ.शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग जांच और सीटी स्कैन में पता चला कि छोटी आंत के अंतिम भाग में सिकुडन है। ऑपरेशन के दौरान बडी आंत के शुरुआती डेढ फीट और छोटी आंत के आखिरी दो फीट हिस्से में रस्सी जैसी चीज फंसी मिली। इस वजह से आंतें भी उलझी हुई थीं।

आंतों को खोलने पर दिखा कि धागों के हजारों टुकडों से रस्सीनुमा चीज बन चुकी है। टीम ने उसे धीरे-धीरे खींचकर बाहर निकाला। करीब चार घंटे चले ऑपरेशन में सडी हुई आंत के 60 सेमी हिस्से को काटकर निकाला गया। मल निकलने के लिए भीतर से रास्ता बनाया गया। किशोरी की गाल ब्लेडर में भी पांच सेमी की पथरी निकली है।

आंत में धागे पहुंचने का पहला मामला

डॉ.शुक्ला ने बताया कि मानसिक रोग होने या अवसाद में बाल, कागज, लोहे के टुकडे और मिट्टी खाए जाने के मामले पहले भी आते रहे हैं। पेट में पूर्व में भी ये चीजें मिलती रही हैं। लेकिन आंतों में धागों का इस तरह से इकट्ठा होने का मामला संभवत: पहली बार सामने आया है।

किशोरी ने बातचीत में बताया कि वह वजन बढने के डर से परेशान थी। तनाव में उसने धागे खाना शुरू कर दिया। उसकी मां काम के सिलसिले में बाहर जाती थी। किशोरी करीब डेढ साल से धागे खा रही थी। ऑपरेशन के बाद किशोरी की स्थिति सामान्य है। टीम में डॉ. सुधांशु, डॉ. नेहा, डॉ.अमित व डॉ.वीरेंद्र भी शामिल थे।

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