वनमंत्री ने वो रिपोर्ट मंगवाई जिसके डर से SHIVRAJ SINGH ने कम्प्यूटर बाबा का मंत्री बना दिया था | MP NEWS

NEWS ROOM


भोपाल। मध्यप्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने नर्मदा किनारे के 24 जिलों में पांच साल में किए गए पौधारोपण की रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि कम्प्यूटर बाबा ने नर्मदा यात्रा के दौरान शिवराज सिंह सरकार द्वारा कराए गए पौधारोपण को घोटाला बताते हुए इसका खुलासा करने के लिए यात्रा का ऐलान किया था। इसके तत्काल बाद तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह ने आनन फानन में उन्हे व उनके साथी साधुओं को मंत्री का दर्जा दे दिया था। कांग्रेस भी इसे बड़ा घोटाला बताती रही है। पौधारोपण के अलावा वन मंत्री ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को दिये गये जूते, चप्पल और साड़ियों की जिलेवार जानकारी मांगी है। वह गुरुवार को अफसरों के साथ पहली समीक्षा बैठक कर रहे थे। 

वनमंत्री उमंग सिंघार प्रदेश के नर्मदा किनारे के 24 जिलों में किए गए पौधारोपण, तेंदूपत्ता संग्राहकों को बांटे गए केमिकल युक्त जूते-चप्पल, साड़ियों, वन विकास निगम द्वारा पिछले पांच साल में रोपे गये पौधों और तेंदूपत्ता संग्राहकों को दिए गए बोनस की जिलावार जानकारी मांगी है। सिंघार ने कहा कि केवल बेहतर परफार्मेंस के आधार पर ही जिलों में अधिकारियों की मैदानी पोस्टिंग करें और अधिकारी किए गए कार्यों की हर सप्ताह रिपोर्ट प्रस्तुत करें। 

बुधवार को कहा था GUJRAT से लाएंगे LION : 

नमंत्री सिंघार ने बुधवार को कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं थीं। उन्होंने कहा कहा कि वनों को अतिक्रमण से मुक्त कराना और गुजरात से शेरों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाकर बसाना उनकी प्राथमिकता होगी। जब हम गुजरात नर्मदा का पानी देते हैं तो उन्हें शेर देने में ऐतराज क्यों है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने कहा कि देश में सर्वाधिक वनक्षेत्र मध्यप्रदेश में है, इसलिये युवा वर्ग को कौशल उन्नयन से जोड़ते हुए वनों के माध्यम से बेहतर रोजगार दिलाने के प्रयास करें। 

तेंदुपत्ता संग्राहकों को नकद भुगतान किया जाए / Cash payments to Tenduptta collectors : 

मंत्री सिंघार ( Minister Singhar ) ने कहा 'तेंदूपत्ता संग्राहकों को भविष्य में नगद भुगतान करें। खातों में पैसा जाने से उनको परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि पौधों की मॉनीटरिंग तकनीकी रूप से उपलब्ध हाईटेक साधनों से करें।' 

वन मंत्री ने वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन, वन विदोहन, निस्तार, प्रदाय, अनुसंधान एवं विस्तार, वन आवरण, वन क्षेत्र, वृक्षारोपण, वन संरक्षण, वन्य-प्राणी प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग, वानिकी, फॉरेस्ट गवर्नेंस, संयुक्त वन प्रबंधन, वनाधिकार नियम, ग्रीन इण्डिया मिशन, विभाग के मण्डल, बोर्ड, संस्थान, लघु वनोपज संघ, ईको पर्यटन विकास बोर्ड, जैव-विविधता बोर्ड, बांस मिशन आदि गतिविधियों की गहन समीक्षा की।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!