भोपाल। सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती को लेकर मप्र लोक सेवा आयोग से चयनित उम्मीदवारों और सरकारी कॉलेजों में सालों से पढ़ा रहे अतिथि विद्वानों ने एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। हालात यह हैं कि शिवराज सिंह सरकार इस पर कोई फैसला नहीं कर पाई। अब बॉल कमलनाथ सरकार के पाले में हैं। मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि इस मामले में जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा।
पीएससी से 2536 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इन्हें अब नियुक्ति आदेश का इंतजार है। इसके लिए दोनों पक्षों ने उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से मिलकर मांगे सामने रखी हैं। इनसे पटवारी ने कहा है कि इस भर्ती को लेकर जो भी होगा, जल्द ही होगा। इसके लिए किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। संवैधानिक तरीके से कार्रवाई की जाएगी। अतिथि विद्वान महासंघ ने मंत्री को ज्ञापन सौंपकर अतिथ विद्वानों को नियमित करने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह ने पीएससी से हुई भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाए और जांच कराने मांग की।
उन्होंने बताया कि सत्ता में आने से पहले कमलनाथ ने भी जांच कराने की बात कही थी। वहीं पीएससी से चयनित उम्मीदवारों का प्रतिनिधि मंडल भी रविवार को मंत्री पटवारी से मिला। इनका दावा है कि 2536 में चयनित उम्मीदवारों में 1146 अतिथि विद्वान भी शामिल हैं। डॉ. आजाद अहमद मंसूरी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हुई है। इसलिए नियुक्ति आदेश जल्द ही जारी किए जाएं। लेकिन, कुछ असफल उम्मीदवारों द्वारा इस संबंध में भ्रम फैलाया जा रहा है।