नौकरशाहों में रेस शुरू, कमलनाथ के फैसले पर टिकीं निगाहें | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही रेड कार्पेट पर हलचल तेज हो गई थी। कमलनाथ के शपथ ग्रहण के साथ ही नौकरशाहों में रेस शुरू हो गई है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वो अािकारी जिन्हे शिवराज सिंह सरकार ने लूपलाइन में डाल रखा था अब फ्रंट में आने की तैयारी कर रहे हैं तो शिवराज सिंह के साथ मलाई वाली कुर्सियों पर जमे नौकरशाहों की निष्ठाएं भी बदल गईं हैं अब वो उसी शिद्दत और सम्मान के साथ कमलनाथ का नाम ले रहे, जैसे कि शिवराज सिंह का लिया करते थे। 

अब कमलनाथ के सामने अपनी टीम बनाना सबसे बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि 31 दिसंबर को मुख्य सचिव का पद रिक्त हो रहा है। यह नियुक्ति वे पहले करेंगे, ताकि नए मुख्य सचिव को ओएसडी बनाया जा सके। एक दर्जन के करीब कलेक्टरों को भी 26 दिसंबर से पहले हटाया जाना है, क्योंकि मतदाता पुनरीक्षण का काम शुरू हो रहा है। इसके साथ उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य को साधते हुए मंत्रिमंडल का गठन करना है। 

कमलनाथ के बारे में यह तो स्पष्ट है कि वे राजनीति के अच्छे खिलाड़ी हैं। लेकिन नौकरशाही में कमलनाथ ने मूवमेंट दिखाकर साफ कर दिया कि वे आने वाले समय कुछ नया करेंगे। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि कर्जमाफी के लिए कमलनाथ के निवास पर एक दिन पहले बुलाई गई बैठक में कृषि और वित्त विभाग के मौजूदा अधिकारियों के साथ वित्त विभाग के पूर्व अपर मुख्य सचिव व वर्तमान में प्रशासन अकादमी के डीजी एपी श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।

सबसे पॉवरफुल एसआर मोहंती होंगे 
कर्जमाफी की फाइल अनौपचारिक रूप से माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष व सीनियर आईएएस अधिकारी एसआर मोहंती के पास भेजी गई। शिवराज सरकार के दौरान किसानों के जिन मुद्दों पर कांग्रेस ने घेरा। इससे जुड़े अफसरों की आलोचना की, उन्हीं किसानों की फाइल तैयार करने में मुख्य सचिव बीपी सिंह और कृषि विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने अहम भूमिका निभाई।  कमलनाथ के करीबी बताते हैं कि नौकरशाही में संतुलन बैठेगा और जल्द ही काम करने वाले अफसर फ्रंट लाइन में आ जाएंगे। पंद्रह साल से निर्वासन में पड़े मोहंती नई भूमिका में आएंगे।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !