सिमरन ने पहले सबको नाश्ता कराया, फिर जहर खा लिया, भाई से पीछे रहने की टीस | INDORE NEWS

इंदौर। विदेश में पढ़ाई के लिए जाने की तैयारी कर रही ट्रांसपोर्टर कारोबारी की बेटी ने जहर खा कर जान दे दी। मौत के पीछे वजह सिर्फ यही पता चली है कि उसने अपने सगे छोटे भाई व चचेरे भाई के साथ विदेश में पढ़ाई के लिए अनिवार्य परीक्षा दी थी। इस परीक्षा का 9 नवंबर को रिजल्ट आया तो उसे दोनों से कम नंबर आए, इसी वजह से वह डिप्रेशन में रहने लगी। परिवार वालों ने उसे डिप्रेशन से उबारने के कई प्रयास किए, लेकिन वह उबर नहीं सकी और जहर खा कर मौत को गले लगा लिया।

अचानक गश खाकर गिर गई बच्ची

लसूड़िया थाना पुलिस के अनुसार मृतका का नाम सिमरन प्रीत कौर पिता कुलविंदर सिंह (19) निवासी राजीव आवास विहार है। सोमवार सुबह सिमरन ने घर के सभी परिवार वालों को अपने हाथ से चाय बनाकर पिलाई व नाश्ता करवाया। इसके बाद वह घर की झाडू निकाल रही थी और अचानक गश खाकर गिर गई। घटना के वक्त सिमरनप्रीत की मां समरजीत, छोटा भाई हरमन सिंह और चचेरा भाई हरविंदर सिंह, मौसा हरविंदर सिंह और मौसी किरणजीत कौर व छोटी बहन परी घर पर ही थे।

इलाज के बाद परिजन को सौंप दिया बच्ची का शव

छात्रा के पिता ट्रांसपोर्ट के कारोबार के सिलसिले में उड़ीसा के संबलपुर इलाके में थे। मृतका के फूफा नछत्तर सिंह ने बताया कि बेटी सिमरन के गिरते ही उसे वे तत्काल बॉम्बे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। यहां कुछ देर उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डाक्टरों के मुताबिक उसने कोई जहरीली वस्तु खा ली थी जिससे उसकी जान गई है। मामले में लसूड़िया पुलिस ने बांबे हॉस्पिटल से मिली सूचना के बाद मर्ग कायम कर उसका पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजन को सौंप दिया।

सुबह सबको चाय-नाश्ता कराया और खुद ने जहरीली वस्तु खाली 

सिमरनप्रीत कौर एक्रोपॉलिस कॉलेज में बीबीए प्रथम वर्ष में पढ़ाई कर रही थी। उसने 30 अक्टूबर को अपने भाई हरमन सिंह और हरविंदर सिंह के साथ मिलकर भोपाल में आईईएलटीएस की परीक्षा दी थी। इसमें सिलेक्ट होने के बाद वह पढ़ाई के लिए कनाडा जाने वाली थी। 9 नवंबर को रिजल्ट आया तो हरमन सिंह को 6 बैंड (अंक) व उसके चचेरे भाई हरविंदर को साढ़े पांच बैंड व सिमरन को पांच अंक आए थे। इससे उसका चयन नहीं हो सका और उसके भाई का हो गया था। भाई का सेलेक्शन होने पर परिवार काफी खुश हुआ लेकिन वह खुद का सेलेक्शन न होने से डिप्रेशन में आ गई थी।

उसे परिवार वालों ने समझाया लेकिन वह डिप्रेशन से नहीं उबर सकी। इधर आर्मी में पदस्थ उसके मौसा हरविंदर सिंह और मौसी किरणजीत कौर ने भी मनोरम स्थानों पर घूमाया ताकी वह डिप्रेशन से बाहर आ सके लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सोमवार को पूरे परिवार को उसने चाय-नाश्ता कराया और खुद कुछ जहरीली वस्तु खा ली जिससे उसकी जान चली गई। पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन शव लेकर घर पहुंचे हैं। वहीं पिता के इंदौर आने के बाद बुधवार को सिमरन का अंतिम संस्कार करेंगे ।

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