अध्यापक: अनुकंपा नियुक्ति मामलें में हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि यदि नियमानुसार अध्यापक पद पर अनुकंपा नियुक्ति संभव नहीं है तो फिर चतुर्थ श्रेणी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए। इसके लिए 45 दिन का समय दिया गया है।

न्यायमूर्ति सुजय पॉल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता नरसिंहपुर निवासी योगेश्वरी चक्रवर्ती की ओर से अधिवक्ता श्रीमती सुधा गौतम ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता के पति का अध्यापक पद पर रहते हुए निधन हो गया था। लिहाजा, पति के न रहने पर परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन किया गया।

एक लाख का प्रस्ताव रखा- 
विभाग ने अनुकंपा नियुक्ति के बदले एक लाख रुपए देने के प्रस्ताव के साथ निरस्त कर दिया। इसके पीछे कारण यह बताया गया कि टीईटी एग्जाम उत्तीर्ण न होने के कारण आवेदन मंजूर करने योग्य नहीं है। इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता की ओर से मूल रिलीफ में संशोधन की अनुमति हासिल की गई और मांग की गई कि यदि निर्धारित अर्हता पूर्ण न होने के कारण अध्यापक नहीं बना सकते तो चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति प्रदान कर दी जाए। हाईकोर्ट ने इस रिलीफ को मंजूर करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी नरसिंहपुर को 45 दिन में पालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए।
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